जयपुर (विसंकें). नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में देशभर में कार्यक्रम हो रहे हैं. इसी क्रम में राजस्थान के दो जिलों भरतपुर व टोंक में बड़े कार्यक्रमों का आयोजन हुआ.
भरतपुर में राष्ट्रीय एकता मंच के नेतृत्व में विभिन्न संगठनों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में तिरंगा यात्रा निकाली गई. इसमें शामिल लोगों ने तीन सौ फीट लंबा तिरंगा लेकर पैदल मार्च किया. तिरंगा यात्रा यातायात चौराहे से शुरू हुई. यात्रा में लोगों ने देशभक्ति गीत, भारत माता की जय, वन्दे मातरम के जयघोष लगाए. यात्रा का मुख्य बाजार में जगह-जगह पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया. यात्रा में आमजन के अलावा व्यापारी वर्ग भी शामिल था. इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता बाबूलाल जी ने कहा कि सीएए किसी जाति, धर्म या व्यक्ति के खिलाफ नहीं है. यह तो पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित हिन्दू, सिक्ख, बौद्ध, जैन, पारसी समुदाय के लोगों को नागरिकता प्रदान करने के लिए है, जिससे वे भारत में अपना जीवन सम्मान पूर्वक व्यतीत कर सकें. सीएए भारत के किसी की भी नागरिकता छीनने वाला नहीं, बल्कि नागरिकता देने वाला कानून है. उन्होंने कहा कि सीएए से भारतीय संस्कृति व परंपरा के अनुसार है. समर्थन यात्रा में भरतपुर व्यापार महासंघ, विश्व हिन्दू परिषद, स्वदेशी जागरण मंच, बजरंग दल, हिन्दू जागरण मंच, विस्थापित दलित अधिकार मंच, सिंधी पंचायत, ब्राहमण महासभा, पूर्व सैनिक कल्याण परिषद, अधिवक्ता परिषद, जाट महासभा, युवा अग्रवाल महासभा, भाजपा, भाजयुमो, तिब्बत सहयोग मंच, गायत्री परिवार, पतंजलि योग समिति, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व अन्य संगठनों ने भाग लिया.
टोंक शहर में सीएए के समर्थन में रविवार को रैली निकाली गई. इसके बाद रामलीला मैदान में सभा का आयोजन हुआ. सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ता प्रणवेन्द्र शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने अपना वोट बैंक बनाने के लिए पाकिस्तान व बांगलादेश से आए शरणार्थियों की परवाह नहीं की. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शरणार्थियों की रक्षा का बीड़ा उठाया है. प्रधानमंत्री ने शरणार्थियों को सम्मान से जीने का अधिकार दिया है. इससे विपक्ष में खड़े लोगों को दु:ख हुआ. उन्होंने कहा कि सीएए नागरिकता छीनने वाला नहीं, नागरिकता देने वाला है, लेकिन विपक्ष देश के लोगों को गुमराह कर रहा है. सोहेल हिन्दुस्तानी ने कहा कि कानून देशहित में है. विपक्ष बौखला कर कानून का दुष्प्रचार कर रहा है. जबकि इस कानून से किसी को कोई नुकसान नहीं होने वाला. देश में माहौल बिगाड़ने का काम विपक्ष कर रहा है.