करंट टॉपिक्स

भारत के गौरवशाली इतिहास को समाज के समक्ष प्रस्तुत करना आवश्यक – अभय जी

Spread the love

इलाहाबाद (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एकत्रीकरण कार्यक्रम रविवार को भारत स्काउट एण्ड गाइड कालेज, इलाहाबाद के प्रांगण में सम्पन्न हुआ. स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में सामूहिक योग, व्यायाम और आसन का प्रदर्शन किया.

DSC_0441कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रान्त प्रचारक अभय जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब ऐसा नाम नहीं रह गया है, जिसका परिचय समाज में न हो. परन्तु संघ का मूल उद्देश्य अभी भी समाज को वास्तव में समझाना है. संघ की स्थापना गुलामी के काल में हुई, गुलामी के काल में संघर्ष और स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद की स्थिति और इस समय का संघर्ष अलग है. जिस भारत के गौरवशाली इतिहास को अंग्रेजों ने अपने ढंग से लिखवाया था, उसे मूलरूप में परिवर्तित कर समाज के सामने प्रस्तुत कर पाना अभी सम्भव नहीं हो पाया है. मुसलमानों को दिल्ली तक सल्तनत फैलाने में 500 साल लग गए. सम्पूर्ण देश की एकमुश्त गुलामी सन् 1911 में अंग्रजों द्वारा सम्भव हो पायी, वर्ष 1857 के आंदोलन को स्वतन्त्रता प्राप्ति का प्रथम संग्राम मानते है, क्योंकि यह आन्दोलन वास्तविक जनमानस द्वारा ही किया गया था. उसके पहले राजाओं द्वारा ही विरोध होता था, जनता शान्त रहती थी. सन् 1857 का स्वतन्त्रता आन्दोलन असफल नहीं, बल्कि अंग्रेजों को विश्वास दिलाने में सफल रहा कि अब भारत छोड़ना पड़ेगा.

संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी भारत के स्वतन्त्रता आंदोलन में हर तरह से जुड़े रहे, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा था. 1920 में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के स्वागत सभा के सदस्य भी रहे. देश के गौरव को बचाने में देश की जनता और उसकी विचारधारा महत्वपूर्ण है, राष्ट्र के सापेक्ष यदि लोग नहीं जुड़े तो स्वतन्त्रता मिलने पर भी उसका यथोचित लाभ नहीं होगा, इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की.

DSC_0418कार्यक्रम में सेवानिवृत्त मण्डलायुक्त इलाहाबाद बादल चटर्जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति और भारतीय भाषा को बचाने में जो स्वयंसेवकों का योगदान है. उसकी प्रशंसा करता हूं. भारत की सभ्यता बहुत प्राचीन है. हमने सिन्धु घाटी सभ्यता के बारे में आधुनिक भारत का इतिहास का छात्र होने के कारण पढ़ा है, हम जानते है कि वास्तविक लोकतन्त्र पुरातन भारत में ही था, यहीं से विश्व ने मार्गदर्शन लिया है, हिन्दू रक्षा, मम दीक्षा यही भारतीय संस्कृति का सन्देश है. कार्यक्रम में प्रान्त संघचालक विश्वनाथ लाल निगम, जिला संघचालक व्यंकटेश्वर प्रसाद, सह संघचालक राणा कृष्णपाल सिंह, प्रान्त संपर्क प्रमुख आलोक मालवीय सहित कार्यकर्ता कार्यक्रम में उपस्थित रहे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *