सेकुलर गिरोह में हिन्दू लिंचिंग की घटनाओं पर चुप्पी क्यों?
नई दिल्ली. विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि भारत संविधान और कानून से चलता है. यहाँ के समाज जीवन में हिंसा का कोई स्थान नहीं होना चाहिए. हर प्रकार की हिंसा, चाहे वह कोई भी करे और वह किसी के भी खिलाफ हो, निंदनीय और अक्षम्य है. आलोक कुमार डिजिटल माध्यम से प्रेस वार्ता को संबोधित किया.
लेकिन हाल के दिनों में देश के अनेक भागों में कतिपय मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं की मॉब लिंचिंग और अन्य प्रकार की हिंसा की अनेक घटनाएँ सामने आई हैं. जिससे स्पष्ट होता है कि मुस्लिम समाज, विशेषतौर पर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में हिन्दुओं के प्रति असहिष्णु और हिंसक होता जा रहा है. हिन्दुओं की लिंचिंग में हत्या, दुराचार, लूट-पाट, धर्म-स्थानों का अपमान जैसी असंख्य घटनाएँ हो रही है. ऐसी कुछ घटनाओं को केवल उदाहरण के लिए आपके सामने रख रहा हूं, देशभर में अनेक घटनाएं हुई हैं.
- असम
असम के कामरूप जिले में अभी 24 मई को सब्जी बेचने वाले सनातन डेका की कार में सवार 5 लोगों ने हत्या कर दी. बताया जाता है कि इसका कारण सब्जी बेचने वाले की साइकिल का कार से टकरा जाना था. इनमें से दो फैजुर हक और युसूफुद्दीन अहमद अभी गिरफ्तार हुए हैं.
- बिहार
बिहार के बेगूसराय जिले के नूरपुर में गत 10 जून को रात्रि 1:00 बजे तीन मुस्लिम गुंडे एक दलित के घर में घुसे, पिस्तौल के दम पर एक दलित महिला के साथ दुष्कर्म किया और उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म का असफल प्रयास किया. इस परिवार द्वारा इन जिहादियों में से एक अपराधी लड्डू आलम पुत्र फिरोज आलम का नाम बताने पर भी वे अपराधी अभी भी पीड़ितों को धमकाते घूम रहे हैं. वहां का थाना अधिकारी, सुमित कुमार, उल्टे पीड़ित दलितों को धमका रहा है तथा इस बर्बर कांड को सोशल मीडिया के माध्यम से समाज के सामने लाने वालों को कार्यवाही की धमकी दे रहा है. इस परिवार को अपनी जमीन बेचकर गांव खाली करने की धमकी इन जिहादियों द्वारा मिलती रही है. इस दलित परिवार द्वारा लगभग 1 माह पहले इन जिहादियों के विरूद्ध शिकायत करने पर भी पुलिस तथा प्रशासनिक संरक्षण के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई. इसके परिणाम स्वरूप सामूहिक दुष्कर्म का यह कांड घटित हुआ है.
ऐसी ही घटनाएँ एक नहीं अनगिनत हैं. किशनगंज में 15 वर्षीया हिन्दू दलित लड़की के साथ मुसलमानों द्वारा सामूहिक बलात्कार कर हत्या का मामला हो या बेगूसराय अनुमंडल में सरैया गांव में रामायण पढ़ने वाले युवकों को रमजान के महीने में रामायण नहीं पढ़ने देने हेतु राहुल पोद्दार परिवार से मारपीट, नालंदा में हिन्दू व्यवसाइयों द्वारा ओउम् ध्वज लगाने पर मुकदमा हो या सीतामढ़ी, बेगूसराय, पूर्णिया, अररिया, कटिहार तथा पूर्वी चम्पारण इत्यादि अनेक स्थानों पर चल रहे सुनियोजित षड्यंत्र, सभी में इस्लामिक जिहादियों के अत्याचारों और प्रशासन का उनको कहीं प्रत्यक्ष तो कहीं परोक्ष सहयोग स्पष्ट दिखता है.
- पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में हाल ही में, लॉकडाउन के दौरान मेडिकल इमरजेन्सी होने के बाद भी हुगली जिला, भद्रेसर तहसील के तेलनीपाड़ा गाँव में तीन दिन तक लगातार हिन्दुओं पर हमला किया गया, उनके घर जलाए गए, महिलाओं को निशाना बनाया गया तथा उनके साथ मार पीट भी की गई. लेकिन, पुलिस निष्क्रिय रही.
मालदा के हरिशचंद्र ब्लॉक में हिन्दू बस्ती में लूट-पाट की गई तथा मंदिर तोड़ने का भी प्रयास हुआ.
बशीरहाट के पास गांव में तो पुलिस द्वारा ही महिलाओं के साथ मार-पीट की गई.
हावड़ा में पुलिस और सशस्त्र दल पर भी मुस्लिम भीड़ द्वारा आक्रमण किया गया.
मुर्शिदाबाद जिले में तो हिन्दू बस्तियों को बार बार निशाना बनाया जाता रहा है.
- झारखण्ड
सीएए के समर्थन में 23 जनवरी को आयोजित रैली में शामिल होने पर लोहरदगा के नीरज प्रजापति को मुस्लिमों की हिंसा का शिकार होना पड़ा था. इस हिंसा में न केवल नीरज ने अपनी जान गवाई थी. बल्कि उनके परिजनों के जीने का सहारा भी खत्म हो गया था.
- कर्नाटक
कर्नाटक में जिहादी तत्वों द्वारा हिन्दुओं की हत्या के अनेक मामले हुए हैं. इनमें से वर्ष 2017-18 में हुए कुछ मामलों में यह हत्याएं शामिल हैं – (1) माडिकेरी में कुट्टप्पा (..2) मुडाबीडेरे में प्रशांत पुजारी (3…) मैसूरू में राजू (4.) कुशलनगर में प्रवीण पुजारी (5) बन्त्वाल में शरद माडिवल (6) सूरतकल में दीपक राव (.7) बेंगलुरु में रुद्रेश और (..8) कुमाटा में परेश मेश्ठा
- हरियाणा
हरियाणा के मेवात क्षेत्र में जिहादियों द्वारा हिन्दू उत्पीड़न की अनेकों घटनाएँ सामने आई है. जनरल जी.डी. बक्शी के नेतृत्व में तीन सदस्यों के जांच दल ने अपनी रिपोर्ट दी है.
मेवात में हिन्दू उत्पीड़न के कारण हिन्दुओं को अपना घर छोड़ कर जाने के लिए विवश होना पड़ रहा है. अनेकों गाँव पूर्णरूप से हिन्दू विहीन हो चुके हैं और अन्य बहुत से गाँव ऐसे है, जहाँ हिन्दू परिवारों की संख्या 5 से भी कम रह गयी है.
एक मामले में चिरौली पुन्हाना में एक वाल्मीकि परिवार के विवाह उत्सव में मुस्लिम युवकों ने ना केवल मारपीट की, बल्कि उनके सोने के गहने भी छीन कर ले गये. जिसकी पुलिस रिपोर्ट पुन्हाना थाने में कराई.
इसी प्रकार फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट डाली गयी, किन्तु पुलिस रिपोर्ट के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई. उसके विपरीत हिन्दू व्यक्ति के खिलाफ ही उपरोक्त सम्बन्ध में झूठा मुकदमा दर्ज किया गया.
गौकशी के मामलों में भी जब पुलिस को सूचना दी जाती है तो पुलिस कोई कार्यवाही नहीं करती है. 28 अप्रैल को पुन्हाना में गौ तस्करों की गोली से रघुवीर नामक एक मजदूर मारा गया. इस मामले में लीपापोती की जा रही है. मजदूर का परिवार भुखमरी के कगार पर है, परन्तु मुआवजे की बात तो दूर, उसकी कोई परवाह नहीं की जा रही है.
500 मकानों वाले गाँव कुलैटा (नगीना) में केवल 10 मकान हिन्दुओं के हैं, हिन्दुओं का घर से निकलना दूभर हो रहा है. बहू-बेटियाँ भी सुरक्षित नहीं हैं. 12 मई को एक हिन्दू बालक की शिखा पर अभद्र टिपण्णी की गयी. विरोध करने पर उसके परिवार की लगभग 200 लोगों ने बुरी तरह पिटाई की.
- दिल्ली
हौज़ काजी में पार्किंग के विषय पर हुए व्यक्तिगत झगड़े की प्रतिक्रिया में मुस्लिम गुटों द्वारा हमला करके वहां के मंदिर की मूर्तियाँ तोड़ी गईं और उसकी पवित्रता को नुकसान पहुंचाया गया.
मुस्लिम प्रेमिका के परिवार वालों ने दिल्ली के टैगोर गार्डन की एक गली में सबके सामने मौत के घाट उतारा, उस अंकित शर्मा को भुला पाना नामुमकिन हैं. साल 2018 की 01 फरवरी की वो घटना जिसमें दिल्ली सरकार ने खूब राजनीति की रोटियाँ सेकीं थी. उसमें मुस्लिम लड़की ने खुद बताया था कि उसके परिवारवालों ने उसके प्रेमी अंकित को मारा.
साल 2017 में दिल्ली में रहकर एयर होस्टेस की ट्रेनिंग ले रही रिया गौतम नाम की लड़की की हत्या की गई. इस वारदात को अंजाम देने वाले का नाम आदिल था. रिया का जुर्म सिर्फ़ ये था कि वे आदिल की पड़ोसी थी और उसकी उससे कई साल से दोस्ती थी. लेकिन एक दिन उसने आदिल से मिलने से मना कर दिया, जिसके बाद आदिल ने उसे एक दिन चाकू से गोद डाला. इस मामले में पुलिस ने आदिल के साथ उसके 2 दोस्तों को भी गिरफ्तार किया था. जिनका नाम जुने सलीम अंसारी और फाजिल राजू अंसारी था.
बेटी के साथ छेड़खानी का विरोध करने पर 51 वर्षीय ध्रुव त्यागी को सरेआम सबके सामने मोहम्मद आलम और जहाँगीर खान ने धारदार हथियारों से राष्ट्रीय राजधानी के मोती नगर में मौत के घाट उतारा था. इसके बाद इन हत्यारों ने ध्रुव त्यागी के बेटे पर भी हमला किया. पुलिस को पड़ताल से पता चला कि उस दिन उन्हें 11 लोगों ने घेर कर मारा.
साल 2016 में दिल्ली के विकासपुरी में पंकज नारंग की हत्या की गई. इसमें 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनमें 4 नाबालिग थे. उनकी मौत का कारण सिर्फ ये था कि उन्होंने अपने भांजे के साथ क्रिकेट खेलने के दौरान कुछ लोगों को मना किया था कि वे गाड़ी तेज न चलाएँ. जिसके बाद उन लोगों ने पंकज नारंग पर हमला कर दिया.
24 वर्षीय प्रीति माथुर उस लड़की का नाम है, जिसे उसके सिरफिरे आशिक ने निजामुद्दीन इलाके में सरेआम चाकुओं से घोंपकर मार डाला.
- उत्तर प्रदेश
16 मई, 2019 को यूपी के गोंडा जिले में इमरान, तुफैल, रमज़ान और निज़ामुद्दीन ने विष्णु गोस्वामी को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया. विष्णु की गलती बस ये थी कि वे अपने पिता के साथ लौटते हुए सड़क के किनारे लगे नल पर पानी पीने लगा था. बस इसी दौरान इन्होंने विष्णु व उसके पिता से विवाद बढ़ाया और बात खींचने पर उसे पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया.
हिंदू नेता कमलेश तिवारी की मौत ने साल 2019 में सबको झकझोर दिया. जब जाँच हुई तो इसके पीछे न एक लंबी साजिश का खुलासा हुआ, बल्कि कट्टरपंथियों की उस हकीकत का भी जो अहमदाबाद से लेकर यूपी तक फैली थी.
कासगंज जनपद में चंदन गुप्ता की महज इसलिए हत्या कर दी गई थी कि क्योंकि वह 26 जनवरी को तिरंगा फहराने के लिए निकाले जा रहे जुलूस में शामिल थे. वह विहिप और एबीवीपी की तिरंगा यात्रा में भारत माता की जय के नारे लगा रहा था. मुस्लिम बहुल इलाके से निकली तिरंगा यात्रा के दौरान कुछ मुसलमानों ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए. तिरंगा यात्रा निकाल रहे लोगों पर पथराव किया गया. मुस्लिम बहुल इलाके में उन पर छत से गोली चला दी गई. घटना में चंदन की मौत हो गई और बाद में पुलिस ने मुख्य आरोपित सलीम को गिरफ्तार किया.
साल 2017 में 5 जुलाई को हिना तलरेजा का शव बरामद हुआ. जिसके बाद उनकी हत्या की खबरे सुर्खियों में आई. पड़ताल के बाद मालूम हुआ कि हिना के पति अदनान ने पहले अपनी आँखों के सामने अपने दोस्तों से उसका गैंगरेप करवाया और फिर उसे गोली मारकर हत्या कर दी. बाद में शव को कौशांबी जिले के एक हाइवे पर फेंककर फरार हो गया.
अलीगढ़ के टप्पल में हुआ ये हत्याकांड वो घटना है, जिसने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया कि अब इंसानियत समाज में बाकी बची भी है या नहीं. इस घटना के आरोपितों का नाम मोहम्मद जाहिद और मोहम्मद असलम था. जिन्होंने केवल 10 हजार के लिए बच्ची के साथ बेरहमी की हर हद पार की. उन्होंने बच्ची को मारने से पहले 8 घंटे उसे इतना मारा था कि उसकी आँख तक डैमेज हो गई. बाद में उसका शव भी ऐसी जगह फेंका जहाँ उसे कुत्तों ने बुरी तरह नोचा था.
आगरा में एक हिंदू दलित नेता अरुण कुमार की लिंचिंग शाहरुख, राजा, इम्तियाज, अबीद और दिलशाद नाम के मुसलमानों ने की.
- पंजाब
03 दिसंबर, 2018 को स्याना के चिंगरावठी में हुई हिंसा में सुबोध सिंह की हत्या हुई. उनके अलावा इस घटना में 2 और लोगों को मारा गया.
आलोक कुमार ने कहा कि उदाहरणों से स्पष्ट है कि बहुसंख्य हिन्दू समाज हिंसा और मॉब लिंचिंग का बड़ा शिकार होता है और अन्य समुदायों से ज्यादा ही होता है. पर, ये घटनाएँ बड़े अख़बारों और दृश्य मीडिया में बहस का हिस्सा नहीं बन पाती हैं. हिन्दुओं पर हुए अत्याचार समाचार का विषय ही नहीं बनते. तथाकथित धर्मनिरपेक्षों (सेकुलर) का गिरोह आतंकवादी, जिहादी या अन्य किसी अल्पसंख्यक के आहत होने पर जैसे बोलता है, वैसा आक्रोश हिन्दुओं का उत्पीड़न पर वैसा कष्ट नहीं होता.
दुर्भाग्य की बात है कि इस गिरोह में वकील, सिविल सोसाइटी कहलाने वाली संस्थाएं, मानवाधिकारों के नाम पर चल रहे टोले शामिल हैं जो आतंकवादी के मारे जाने पर आसमान सिर पर उठा लेते हैं. मीडिया, सड़क और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में भारत को बदनाम करने के लिए तुल जाते हैं. यदि अन्याय से पीड़ित व्यक्ति हिन्दू हो तो कोई कार्यक्रम, बहस या मोमबत्ती यात्रा नहीं होती.
विहिप कार्याध्यक्ष ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से देश में अल्पसंख्यकों को गुमराह करने का सोचा समझा षड्यंत्र चल रहा है. जैसे नागरिकता संशोधन कानून के बारे में यह झूठ फैलाया गया कि इसके लागू होने पर मुसलमानों से तीन पीढ़ीयों के जमीन के कागज मांगे जाएंगे और न होने पर डिटेंशन कैंप में भेज दिया जाएगा. जबकि ये सरासर झूठ था. सुप्रीम कोर्ट द्वारा रामजन्मभूमि के निर्णय के बाद, जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद भी मुसलमानों में दुष्प्रचार किया गया. इसी वातावरण में से हिंसा की यह घटनाएँ जन्म लेती हैं. देश में अलगाव और तनाव का यह वातावरण बनाने वालो की पहचान होनी चाहिए. वह सब लोग इसके लिए जिम्मेवार है जो देशहित के मुद्दों पर भारत के विरुद्ध बोलते हैं और बहुसंख्य हिन्दू समाज के प्रति विद्वेष का निर्माण करते है.
विश्व हिन्दू परिषद समाज का आह्वान करती है कि इस तरह की सब घटनाओं के खिलाफ खड़े होकर एक समरस समाज के निर्माण के लिए काम करें. भारत सरकार और राज्यों की सरकारों से यह आह्वान करते है कि वह देश विरोधी इन तत्वों का पता लगाए, उनके खिलाफ कानूनानुसार सख्त कार्रवाई हो.