हरिद्वार. भारत विकास परिषद् का दो दिवसीय पांचवा राष्ट्रीय अधिवेशन ‘शिवा-2014’ हरिद्वार के प्रेमनगर आश्रम में संपन्न हुआ, जिसमें निःस्वार्थ एवं पूर्ण समर्पण की भावना से कार्य करते हुए परिषद् के संस्कार एवं सेवाभावी कार्यों को और अधिक गति प्रदान करने पर जोर दिया गया.
इस दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री सुरेश (भय्याजी) जोशी ने कहा कि भारत में सरकार नहीं समाज सर्वोपरि है. इसलिये समाज के हितों को ध्यान में रखते हुए हमें काम करना होगा. सरकारी कार्य असरकारी नहीं होते हैं, जबकि सामाजिक संस्थाओं के काम गैर सरकारी होते हुए असरकारी होते हैं. उन्होंने एनजीओ की कार्यशैली और उद्देश्य पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वर्तमान में एनजीओ का मकसद सिर्फ सरकारी सहायताओं का लाभ उठाना रह गया है. उन्हें सामाजिक सरोकारों से कोई मतलब नहीं रह गया है. ऐसे में निस्वार्थ भाव से सेवा और संस्कार के पुनीत कार्य में संलग्न भारत विकास परिषद को और ज्यादा जिम्मेदारी से कार्य करना होगा.
समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख श्री वी भगय्या ने कहा कि हमें समाज की सेवा निस्वार्थ एवं निष्काम भाव से करनी चाहिये. इसके बदले में कुछ पाने की इच्छा न रखें और दिखावे एवं आडंबरों से दूर रहें. उन्होंने कहा कि आज इंसान अपने स्वार्थ पूर्ति के लिये पर्यावरण को प्रदूषित करता जा रहा है. ऐसे में हर इंसान को सोचने की जरूरत है कि प्रकृति मनुष्य के बिना सुरक्षित रह सकती है. मनुष्य प्रकृति के बिना सुरक्षित नहीं रह सकता.
भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीताराम पारिख ने कहा कि परिषद की सभी 1200 शाखायें एक-एक गांव को गोद लेने का प्रयास करेगी. गांव में बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर काम किया जायेगा. साथ ही शाखा के पूरे कार्यक्रम भी गोद लिये हुए गांवों में किये जायेंगे. परिषद् विकलांगों के लिये भी विशेष कार्य करेगी. परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र कुमार वधवा ने परिषद की ओर से समाज हित में चलाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी.
परिषद् के राष्ट्रीय संयोजक (मीडिया) श्री राजकुमार जैन ने कहा कि परिषद् की गतिविधियों के प्रचार-प्रसार पर भी विशेष ध्यान देना होगा. इससे दूसरे लोगों को भी संस्कार एवं सेवाभावी कार्यों से जोड़ने में मदद मिलेगी. अधिवेशन के दौरान परिषद् के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों का भी मार्गदर्शन प्राप्त हुआ. इस दौरान उत्तराखंड प्रान्त की विभिन्न शाखाओं के परिषद् सदस्यों एवं उनके बच्चों द्वारा राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत मनमोहक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया. अधिवेशन के दौरान विशेष कार्य करने करने वाली शाखाओं, दायित्वधारियों, विकास रत्नों एवं मेधावी बच्चों को सम्मानित भी किया गया.