भोपाल (विसंकें). आज के भारत की सबसे बड़ी पूँजी और उसकी सबसे बड़ी ताकत युवा हैं. अपने देश को आगे ले जाने के लिए हम युवा कुछ करना चाहते हैं. हम अपने कौशल से देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे. कहते हैं कि युवा परिवर्तन का ही दूसरा नाम है, इसलिए हम भी देश और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहते हैं. अपने संकल्पों को पूरा करने के लिए हमें उचित मंच, अवसर और मार्गदर्शन की आवश्यकता है. अपने देश के प्रति कुछ करने के जज्बे से प्रेरित इस तरह के विचार युवाओं ने यंग थिंकर्स कॉन्क्लेव-2018 (वायटीसी) के तहत आयोजित प्री-टॉक में व्यक्त किए. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित प्री-टॉक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रज्ञा प्रवाह के प्रांतीय संयोजक दीपक शर्मा जी थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा जी ने की. कार्यक्रम का संयोजन सहायक प्राध्यापक डॉ. पवन मलिक व संचालन विद्यार्थी सुनील कुमार ने किया.
मुख्य अतिथि दीपक जी ने कहा कि देश को आज बौद्धिक योद्धाओं की आवश्यकता है, जो बौद्धिक क्षेत्र में भारत की प्रतिष्ठा को स्थापित करें. अपने सांस्कृतिक मूल्यों को युगानुकूल बनाएं. दुनियाभर में भारत के ज्ञान भण्डार वेद, उपनिषद, पुराण इत्यादि पर शोध-अध्ययन किए जा रहे हैं. इसके लिए यूरोप के कई देश संस्कृत पर कार्य कर रहे हैं. उन्हें संस्कृत के विद्वान चाहिएं. उन देशों को भारत से अपेक्षा है कि वह ऐसे युवा उपलब्ध करा सकता है, लेकिन हम भारत में अपनी ज्ञान-परंपरा की अनदेखी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज भले ही दुनिया में युद्ध की स्थितियां न हों, लेकिन सबसे कठिन समय यही है. दुनिया में सब जगह बौद्धिक युद्ध छिड़ा हुआ है. इस वातावरण में युवा ही सकारात्मक भारत का निर्माण कर सकता है.
कार्यक्रम के अध्यक्ष कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा जी ने कहा कि युवाओं के विचार ताजगी भरे होते हैं. समस्याएं सब गिनाते हैं, लेकिन युवा उनके समाधान भी दे सकते हैं. युवा मन में अधिक नवाचारी विचार और समाधान आते हैं. किसी भी देश की प्रगति में जागरूक युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है.
मध्यप्रदेश यंग थिंकर्स कॉन्क्लेव युवाओं को एक मंच पर लाने का सार्थक आयोजन है. युवाओं की ऊर्जा को दिशा देने के लिए इस प्रकार के आयोजनों की समाज में आज बहुत आवश्यकता है.
युवाओं ने कहा कि आज के युवाओं का एक हिस्सा अंधकार में भी जा रहा है, क्योंकि वह ढलता हुआ सूरज देखता है, उगता हुआ नहीं. नशे ने युवा को अपनी गिरफ्त में ले लिया है. युवाओं ने कहा कि यही समय है जब हम स्वयं को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सचेत कर लें.
दो दिवसीय यंग थिंकर्स कॉन्क्लेव में हिस्सा लेने के लिए सभी जगह से युवाओं ने ऑनलाइन पंजीयन कराया है. ytfbharat.com पर 28 जुलाई तक मध्यप्रदेश के 30 साल की आयु तक के युवा अपना पंजीयन करा सकते हैं. वायटीसी-2018 का आयोजन 11-12 अगस्त को राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल में होगा. पूरे प्रदेश से अब तक डेढ़ हजार से अधिक युवाओं ने पंजीयन कराया है, चयन समिति इनमें से 300 युवाओं का चयन करेगी. यंग थिंकर कॉनक्लेव का सर्वप्रथम लक्ष्य यही है कि युवाओं को एक सार्थक विमर्श करने और देखने का अवसर मिले, उनका वैचारिक दायरा बढ़े और उनके माध्यम से देशहित के सार्थक प्रयास हों. भोपाल में अन्य शिक्षा संस्थानों के विद्यार्थियों के बीच भी विभिन्न विषयों पर प्री-टॉक का आयोजन हो रहा है.
यह हैं यंग थिंकर्स कॉन्क्लेव के प्रमुख वक्ता
प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक एवं केसरी पत्रिका के पूर्व संपादक जे. नंदकुमार, राज्यसभा सांसद एवं लेखक राकेश सिन्हा, फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री, पटकथा लेखक अद्वैता काला, सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा, इतिहासकार प्रो. शंकर शरण, लेखक अरविंदन नीलकंदन और लेखिका शैफाली वैद्य सहित प्रमुख विद्वान दो दिवसीय कॉन्क्लेव में युवाओं के साथ विभिन्न विषयों पर बात करेंगे.