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मुसलमान मौलवियों को वेतन मिलता है तो हिन्दू पुजारियों को क्यों नहीं – विहिप

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Kullu-9कुल्लू (हिमाचल प्रदेश). विश्व हिंदू परिषद ने देव संस्कृति को जिंदा रखने के लिए एक बड़े आंदोलन की रणनीति तैयार की है. इस रणनीति के तहत हिमाचल प्रदेश गुर, पुजारी, कारदार संरक्षण महासंघ की बैठक का जिला परिषद भवन में आयोजन किया गया. बैठक में विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश संगठन मंत्री मनोज कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे. बैठक को संबोधित करते हुए मनोज कुमार ने कहा कि मुसलमान मौलवियों को यदि मासिक मानदेय सरकार देती है तो हिंदू पुजारियों को क्यों नहीं. देवी देवताओं के संरक्षकों गुर, पुजारी, कारदार व बजंतरियों को भी सरकार मानदेय दे, अन्यथा यह आंदोलन उग्र रूप धारण कर लेगा और कहीं ऐसा न हो कि 2017 के चुनाव में विधानसभा की दहलीज तक गुर, पुजारी और बजंतरी ही पहुंचें.

गुर, पुजारी, कारदार व बजंतरी महासंघ के प्रदेश संगठन महामंत्री राहुल सौलंकी ने कहा कि आने वाले पंचायत चुनाव में उसी जिला परिषद उम्मीदवार, नगर परिषद उम्मीदवार व पंचायत प्रधान उम्मीदवार को वोट दें जो यह वादा करे कि वह देव समाज के चार स्तंभों को मासिक वेतन दिलवाएंगे. जो देव समाज का हितैषी नहीं होगा, उस उम्मीदवार का जनता व देव समाज बहिष्कार करे. बैठक की अध्यक्षता प्रांत के कार्यकारी अध्यक्ष नरोतम नेगी ने की. बैठक में लगभग साढ़े तीन सौ से अधिक कारदार, गुर, पुजारी, बजंतरी उपस्थित रहे. बैठक का संचालन महासंघ के उपाध्यक्ष इंद्र देव शास्त्री ने किया. महासंघ के संगठन महामंत्री ने कहा कि हम भीख नहीं मांग रहे, हम अधिकार मांग रहे हैं. महासंघ देव समाज के अधिकारों की लड़ाई पिछले दो वर्षों से लड़ रहा है. हमारी मांग है कि देव संस्कृति के वाहक देव समाज के चारों स्तंभों गुर, पुजारी, कारदार, बजंतरी को मासिक मानदेय भत्ता मिलना चाहिए. प्रत्येक देवता के नाम से चारों अंगों को प्रदेश सरकार की तरफ से मासिक मानदेय पांच-पांच हजार रूपए हो. प्रदेश सरकार द्वारा जो रिवॉलविंग फंड देव समाज के संरक्षण एवं संवर्धन के  लिए जारी किया है, वह समान रूप से सभी देवताओं को मिले और उनके रख-रखाव की चिंता प्रदेश सरकार करे. रिवॉलविंग फंड 10 करोड़ रूपए से बढ़ाकर 50 करोड़ रूपए वार्षिक होना चाहिए. सप्तऋषि महाकुंभ का आयोजन करना चाहिए, इससे युवाओं को रोजगार के अवसर  उपलब्ध होंगे और बिखरी हुई देव संस्कृति का एक जगह एकत्रिकरण कर संरक्षित और संवर्धन होगा. यदि हमारी मांगे जल्द नहीं मानी गई तो आंशिक अनशन पर बैठेंगे. देव समाज के लिए आत्मदाह करना पड़े तो भी हम इस लड़ाई को परिणाम तक ले जाएंगे. हमारी किसी कारदार संघ से कोई लड़ाई नहीं है, हम सबके साथ मिलकर इस लड़ाई को लडऩा चाहते हैं. इसलिए समस्त लोग देव संरक्षण की इस लड़ाई में हमारा साथ दें. देव समाज के अधिकारों के लिए हम सभी का आह्वान करते हैं कि यह लड़ाई पूरे प्रदेश भर की है न केवल कुल्लू जिला की. रघुनाथ जी की धरती से विगुल फूंका है. बैठक में कारदार और देवता के अन्य चारों स्तंभों ने आकर इस लड़ाई में अपना कदम रखा है. हमने राज्यपाल महोदय को ज्ञापन भेजा है और इस लड़ाई को राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री तक लेकर जाने वाले हैं. बैठक का समापन श्याम लाल शर्मा गुर संघ के अध्यक्ष और महासंघ के उपाध्यक्ष ने किया.

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