नई दिल्ली (विसंकें). मौलाना और उलेमा करेंगे दंगा मुक्त, नफरत मुक्त और अमन व भाईचारा युक्त भारत के लिये नए प्रयास करते नजर आएंगे. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के आह्वान को सकारात्मक प्रतिसाद देते हुए 100 से भी ज्यादा मुस्लिम धर्मगुरुओं ने यह संकल्प लिया है कि वे सांप्रदायिक सदभाव और सौहार्द्र को बनाए रखने के लिये देश को दंगा व नफरत मुक्त कर मुहब्बत, अमन और भाईचारा युक्त हिंदुस्तान बनाएंगे.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा एक अप्रैल को आयोजित मौलानाओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए मंच के संरक्षक एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इन्द्रेश कुमार ने कहा कि हिंदुस्तान की परंपरा अमन और भाईचारे की रही है, न की दंगा फसाद और नफरत की. आज की परिस्थिति में फिर से एक बार मुहब्बत और भाईचारे का पैगाम देने की जरुरत है. इन्द्रेश कुमार ने मौलानाओं और उलेमाओं का आह्वान किया कि वे इसमें महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के जानिब से आयोजित मौलानाओं की विशेष बैठक में देश के 14 प्रान्तों से 100 से अधिक मुस्लिम उलेमा और मौलाना सहभागी हुए थे. मंच के संरक्षक इन्द्रेश कुमार, राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजल, संगठन संयोजक गिरीश जुयाल, संगठन सह संयोजक कुंवर महिराजध्वज सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित थे.
मौलाना सुहैब कासमी, मौलाना कौकब मुजतबा, मौलाना सय्यद हैदर रज़ा (बिजनौर), मौलाना रझी अब्बास (दिल्ली), मौलाना इफ्तेदार मेहन्दी (संभल), मौलाना सय्यद अली नकी (बरेली), मौलाना सैय्यद नह्दी जमा (अमरोहा), मौलाना डेनिश अली नकवी (मुरादाबाद), मौलाना गुलाम असकरी (शहाजहांपुर), मौलाना इस्लाम सुल्तानी (बरेली), मौलाना अली हैदर (हरिद्वार), और मौलाना कासिम रजा (कानपुर) बैठक में उपस्थित थे. इनके साथ शिया, सुन्नी, देवबंदी और बरेलवी समुदाय के अनेक आलिम और उलेमा बैठक में सहभागी हुए थे. सभी ने देश में अमन, चैन, भाईचारा कायम करने का संकल्प किया और उसके लिए जेद्दोजेहद करने का अहद लिया.
हिंदुस्तान एक अमन पसंद मुल्क है और इस सन्देश को लोगों तक पहुचाने के लिए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के नेतृत्व में आगामी 7, 8 और 9 अगस्त को देश के विभिन्न हिस्सों में अमन यात्रा का आयोजन किया जाएगा. बड़ी संख्या में मुस्लिम मौलाना, उलेमा और आलिम यात्रा में शिरकत करेंगे और आवाम को दंगामुक्त, नफरतमुक्त और मुहब्बत व भाईचारा युक्त हिंदुस्तान बनाने का सन्देश देंगे.
स्वतंत्रता के बाद 60 वर्षों में शायद यह पहला ऐसा मौका होगा, जब इतनी बड़ी संख्या में मुस्लिम धर्मगुरु शांति, भाईचारा, मुहब्बत और अमन का पैगाम लेकर आवाम के बीच जाएंगे. यह यात्रा दिल्ली, मुजफ्फरपुर, हैदराबाद से निकलेगी और लखनऊ में इसका समापन होगा.