श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर के क्षेत्रों में पिछले 2-3 दिनों से आतंकी संगठनों के पोस्टर दिखायी देने लगे हैं. इन पोस्टर के माध्यम से हिज्बुल मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और अल-बद्र जैसे आतंकी संगठन कश्मीरियों को धमकी दे रहे हैं कि दुकानें बंद रखें, ऑफिस का बायकॉट करें और पूरी तरह शट-डाउन रखा जाए. ये अक्सर सोशल मीडिया के माध्यम से आम जनता को बंद करने, आतंकी के जनाजे में शामिल होने को लेकर धमकियां देते रहे हैं. लेकिन घाटी में मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट बंद होने के कारण आतंकी कुछ कर नहीं पा रहे थे. ऐसे में अब घाटी में पोस्टरों के माध्यम से आम लोगों को धमकियां देना शुरू कर दिया है.
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने के बाद पाकिस्तान और आतंकी संगठनों को उम्मीद थी कि कश्मीरी इसका जमकर विरोध करेंगे, कश्मीर जल उठेगा. लेकिन एक भी घटना ऐसी नहीं हुई, बल्कि बीता अगस्त महीना कश्मीर के इतिहास में शांतिपूर्ण महीना साबित हुआ. ऑफिसों में उपस्थिति रही, बाज़ार-मंडियां दोबारा खुलने लगी हैं. रोजाना सेब के 1 हजार से ज्यादा ट्रक घाटी से बाहर जा रहे हैं. स्पष्ट है इससे घाटी में सक्रिय आतंकी संगठन और अलगाववादी तिलमिलाए हुए हैं.
रविवार को श्रीनगर में आतंकी संगठन अल-बद्र के पोस्टर दिखायी दिये. जिसमें व्यापारियों और ट्रेडर्स को दुकानें बंद रखने की धमकी दी गयी है और घाटी के पूरी तरह से बंद करने के लिए कहा गया है. साथ ही पुलिस जवानों के परिवारों का भी बायकॉट करने को कहा गया है. बात न मानने पर नतीज़ा भुगतने की धमकी दी है.
इससे पहले दक्षिण कश्मीर में शोपियां सहित कुछ क्षेत्रों में हिज्बुल मुजाहिदीन के पोस्टर भी दिखायी दिये थे. जिसमें हिज्बुल ने डीसी ऑफिस के कर्मचारियों, बैंक कर्मचारियों, सेब व्यापारियों, ट्रक ट्रांसपोर्टर्स और ट्रेडर्स को काम बंद करने की धमकी दी थी. उधर, सुरक्षा एजेंसियां पोस्टर चिपकाने वालों की तलाश में जुट गई हैं, तथा जन सामान्य से न डरने की अपील की जा रही है.