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राष्ट्र और समाज अपना इतिहास स्वयं लिखता है – विपिनचन्द्र जी

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जयपुर (विसंकें). अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राजस्थान क्षेत्र संगठन मंत्री विपिन चन्द्र जी ने कहा कि भारत के भूभाग का निर्माण देवाताओं द्वारा किया गया है. इसका प्रमाण हमारे अनेक शास्त्रों में मिलता है, हमारी संस्कृति अति प्राचीन है. वे राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में हिन्दू जागरण मंच द्वारा आयोजित ‘और देश बंट गया…….. ’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि राष्ट्र और समाज अपना इतिहास स्वयं लिखता है. किन्तु भारत का दुर्भाग्य है कि यहां का इतिहास सत्ता और पैसे के आधार पर जोड़तोड़ कर लिखा गया. हमारे इतिहास के साथ अनेक प्रकार से छेड़छाड़ की गई. चाहे वह महाराणा प्रताप का जीवन हो या पृथ्वीराज चौहान का, शिवाजी हों या गुरू तेग बहादुर सिंह जी जैसे अनेकों महापुरूषों के इतिहास को गलत तरीके से हमारे समक्ष आज तक प्रस्तुत किया गया है. जो देश समाज धर्म की रक्षा के लिए बलिदान हो गए, ऐसे अनेक वीरों के उदाहरणों से भारत का इतिहास भरा है. देश, समाज, धर्म की रक्षा के लिए ऐसे वीर आगे आये जो झुके नहीं बलिदान हो गए.

विपिन चन्द्र जी ने भारत की आजादी के इतिहास पर कहा कि उस समय मात्र सत्ता के लालच के कारण देश के राजनेताओं ने देश का विभाजन स्वीकार किया. इसमें अंग्रजों ने फूट डालो राज करो की नीति को अपनाते हुए, आग में घी डालने का काम किया. सत्ता की लालसा ने देश का विघटन करवा दिया. जिस कारण करोड़ों की संख्या में लोग विस्थापित हो गए और लाखों लोगों ने अपना जीवन गवां दिया. आज देश के सीमावर्ती क्षेत्रों की स्थिति 1947 से भी भयावह है. हमें जागृत रहते हुए कार्य करना होगा. जो समाज सुप्त रहता है, वह विनाश की ओर जाता है. उन्होंने उपस्थित युवा शक्ति से आह्वान किया कि हम अपने इतिहास को सही प्रकार से जानें, समझें और उसके अनुरूप व्यवहार करें. युवाओं को इतिहास का सही अध्ययन करना चाहिए. आज इतिहास करवट बदल रहा है, आने वाली सदी भारत की है.

कार्यक्रम में हिन्दू जागरण मंच के प्रान्त सम्पर्क प्रमुख सतीश अग्रवाल जी, प्रान्त अध्यक्ष प्रताप भानु सिंह जी, प्रान्त महामंत्री सुभाष जी, प्रान्त वीरांगना वाहिनी प्रमुख रीता राघव जी, वीरांगना वाहिनी की विभाग प्रमुख डॉ. रश्मि सारस्वत जी सहित अन्य उपस्थित थे.

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