उदयपुर. वीरवार, 19 दिसंबर को लघु उद्योग भारती का औद्योगिक सम्मेलन सम्पन्न हुआ. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रांत प्रचारक मुरलीधर जी ने कहा कि भारत का उद्यमी वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है तथा अपने उद्यम कौशल से यह पुनः भारत को परम वैभव तक पहुंचाएगा. वे लघु उद्योग भारती, उदयपुर इकाई के वार्षिक सम्मेलन में संबोधित कर रहे थे.
इससे पूर्व लघु उद्योग भारती उदयपुर के अध्यक्ष महेंद्र मांडावत तथा महिला इकाई अध्यक्ष मीनाक्षी श्रीमाली ने अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक क्षेत्रों में लघु उद्योग भारती की इकाई का गठन शीघ्र किया जाएगा.
उदयपुर के वरिष्ठ उद्यमी राजस्थान क्षेत्र उपाध्यक्ष वीरेंद्र डांगी ने लघु उद्योग भारती की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला. आज यह विश्व का सबसे बड़ा लघु एवं सूक्ष्म उद्यमियों का संगठन बन गया है, जिसकी सदस्य संख्या 35000 से भी ज्यादा है.
मुरलीधर जी ने कहा कि भारत 18वीं सदी तक विश्व व्यापार का गुरु था, सोने की चिड़िया कहते थे लोग भारत को, यह सब भारत के तब के लघु एवम् कुटीर उद्योगों की वजह से सम्भव हुआ था. उस समय प्रत्येक परिवार के उद्यमशील होने की वजह से भारत अग्रणी था. आज भी अगर प्रत्येक परिवार अपनी उद्यमशीलता का उपयोग करे तो भारत लघु एवम् कुटीर उद्योग के माध्यम फिर वैश्विक व्यापार में प्रमुख स्थान प्राप्त कर सकता है. उन्होंने कहा कि भारत लोहा, धातु, कपड़ा, औषधि, मसाले, हस्तशिल्प, सुगंध इत्यादि का विश्व में श्रेष्ठ उत्पादक तथा जल – थल मार्ग से इकलौता सबसे बड़ा विपणन कर्ता था और इन सबके बड़े-बड़े कारखाने नहीं थे, वरन छोटे-छोटे गृह उद्योग थे, उन सबके सम्मिलित प्रयासों से भारत सोने की चिड़िया बना. आज लघु उद्योग भारत को पुनः सोने की चिड़िया बनाने की क्षमता रखता है, आवश्यकता उन्हें अपना सामर्थ्य जगाने की है. कार्यक्रम का संचालन मनोज जोशी एवम साधना तलेसरा ने किया.