1957 में गुरूजी के प्रेरणा से बने थे प्रचारक, वजीर राम सिंह पठानिया स्मारक के मुख्य संरक्षक थे
शिमला. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक ठाकुर बलदेव सिंह का शनिवार सुबह 4 बजे नुरपुर में देवलोकगमन हो गया था. स्व. ठाकुर बलदेव सिंह परमार पंजाब प्रांत महालपुर क्षेत्र के बींजो गांव के मूल निवासी थे. उनका जन्म उनके नाना के घर (अब पाकिस्तान में) 05 दिसम्बर, 1927 को हुआ था. सन् 1957 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष प्रशिक्षण के बाद संघ के प्रचारक बने. उन्होंने वर्ष 1950 में संघ का प्राथमिक प्रशिक्षण लिया था, इस दौरान 10वीं कक्षा में पढ़ रहे थे. वहीं संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिवराव गोलवलकर, गुरूजी की प्रेरणा से इन्होंने प्रचारक जीवन में जाने का फैसला लिया था और 1957 में प्रचारक जीवन अपनाया. वर्तमान में ठाकुर बलदेव सिंह परमार नुरपुर स्थित वजीर राम सिंह पठानिया स्मारक के मुख्य संरक्षक का कार्य देख रहे थे.
नुरपुर में शनिवार को उऩके भतीजे राजिन्द्र परमार ने पार्थिव देह को मुखाग्नि दी. इस अवसर पर संघ के स्थानीय स्वयंसेवक, प्रचारक सहित और स्थानीय लोग मौजूद रहे. विश्व संवाद केंद्र शिमला के प्रमुख दलेल ठाकुर ने उनके देहांत पर शोक व्यक्त किया. राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को अविस्मरणीय बताया है.