नई दिल्ली (इंविसंके). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख अरुण कुमार जी ने कहा कि संघ एक संस्था नहीं है. यह भ्रम जिनके भी अंदर है वो अपने अंदर से निकाल दें. क्योंकि, “संघ “एक गोल (लक्ष्य) है मतलब मूवमेंट है अर्थात् समाज है.” संघ ने शुरू से ही ‘समाज में रहकर, समाज निर्माण’ किया है. लोगों में संघ को लेकर एक और भ्रम है, संघ मुद्दों पर कार्य करता है, यह गलत है. मैं बता दूं, “संघ के पास अपना कोई मुद्दा नहीं है.” लेकिन संघ के पास कुछ है, यह कुछ एक ही चीज है – “सिर्फ और सिर्फ व्यक्ति निर्माण.” यही संघ का गोल है, यही संघ का सब कुछ है और इसी पर संघ 90 वर्षों का अतुलनीय सकारात्मक सफर करता आया है तथा आज भी कर रहा है. अरुण कुमार जी ‘प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित अरुण आनंद की पुस्तक “KNOW ABOUT RSS” के लोकार्पण समारोह’ में संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने पुस्तक के संबंध में कहा कि “KNOW ABOUT RSS” पुस्तक उन लोगों के लिए है जो संघ से परिचित नहीं हैं और संघ के बारे में गलत पढ़-सुनकर, गलत धारणाएं रखे हुए हैं. इस पुस्तक को पढ़ने के बाद वो सभी गलत धारणाएं स्वतः परत-दर-परत मिट जायेंगी. यह पुस्तक देश की राष्ट्रवादी सोच को समझने के लिए उपयुक्त है. अरुण आनंद ने पुस्तक में संघ और संघ के एक-एक कार्य को आज के परिपेक्ष्य में शब्दों के माध्यम से बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया है. संघ के बारे में जब हम विचार करते हैं तो इसके दो पक्ष सामने निकल के आते हैं. ऐसा इसलिए कि एक काम के कारण से सकारात्मक छवि, दूसरा जिसका संघ से दूर-दूर का वास्ता तो दूर, उससे संघ का कुछ लेना-देना तक नहीं है. लेकिन, वह संघ के जन्म काल से ही इसके विरोधियों द्वारा चिपका दिया गया, वो है नकारात्मक छवि. गांधी जी की हत्या हुई और विरोधियों ने उसका ठीकरा संघ के माथे पर फोड़ दिया कि हत्या संघ ने ही करवाई है. जबकि ऐसा कुछ भी नहीं था. घटना पर गठित तीन-तीन जांच आयोगों ने भी संघ को क्लीन चीट दे दिया. फिर भी संघ के बारे में विरोधियों द्वारा भ्रामक तरीके से दुष्प्रचार किया गया. परंतु, संघ अपना कर्म करता गया “व्यक्ति निर्माण का” और आज उसका परिणाम इस देश के सामने ही नहीं, बल्कि विश्व के समक्ष उपलब्ध है. संघ अपने शुरुआत से ही समाज निर्माण करता आया है और आज भी निष्ठा एवं समर्पण भाव से कर रहा है.
आजतक जो संघ के घोर विरोधी भी रहे हैं वो संघ के सिर्फ संपर्क मात्र से ही, संघ के हो कर रह जाते हैं, जैसे – जयप्रकाश नारायण. संघ का मतलब समाज, समाज का मतलब राष्ट्र है. हमारे देश में संघ का बहुत बड़ा रोल रहा है और आज भी है, आजादी से पहले और आजादी के बाद भी. एक रोल है मीडिया का और एक रोल है अकादमी का. दोनों के माध्यम से समाज का निर्माण ही होता है क्योंकि दोनों समाज में व्यक्ति निर्माण ही करते हैं. लेकिन, दुःख इस बात का है कि आजादी के बाद भी देश में संघ के अथक प्रयासों के बावजूद भी कुछ ताकतों द्वारा जो इस देश पर लम्बे समय तक सत्ता में बने रहे हैं, उनके द्वारा डिस्कोर्स चलाया जा रहा है जो रैशनल नहीं है. डिस्कोर्स इस देश की सबसे बड़ी समस्या है ! क्योंकि, संघ व्यक्ति निर्माण कर, समाज निर्माण करता रहा और वो तरह-तरह से डिस्कोर्स के माध्यम से समाज को विभाजित करते रहे हैं. देश में आजादी के बाद कुछ स्वार्थी लोगों द्वारा जो भी डिबेट खड़ी की गई है. सिर्फ और सिर्फ देश की राष्ट्रवादी सोच को कुंठित करने के लिए और किसी भी बात के लिए नहीं. ऐसा उन लोगों द्वारा सिर्फ राजनीतिक और सत्ता लाभ के लिए किया गया है. कभी मंदिर, कभी मस्जिद, कभी चर्च तो कभी गुरुद्वारा और आजकल उन लोगों द्वारा असहिष्णुता पर डिस्कोर्स चलाया जा रहा है. ऐसा करके वो लोग देश की छवि को धूमिल कर रहे हैं और देश की प्रगति को बाधित कर रहे हैं. उनके द्वारा 50-60 वर्षों से डिस्कोर्स चलाया जा रहा है. वो सिर्फ इस देश की राष्ट्रवादी सोच और प्रगति को विघटित करने के लिए.
‘प्रभात प्रकाशन द्वारा अरुण आनंद की सद्द: प्रकाशित पुस्तक “KNOW ABOUT RSS” के लोकार्पण में भारत सरकार में स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा भी उपस्थित थे. कार्यक्रम में अन्य गणमान्यजनों ने भी पुस्तक पर अपने विचार रखे.