जयपुर. विश्व हिन्दू परिषद ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 का स्वागत किया. विहिप ने कानून के विरोध के नाम पर हिंसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. विहिप कार्यालय भारत माता मंदिर में आयोजित पत्रकार वार्ता में रेवासा धाम के पीठाधीश्वर राघवाचार्य वेदांती जी ने कहा कि यह अधिनियम देश विभाजन के समय हुई ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने वाला है. इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रह रहे पीड़ित अल्पसंख्यक हिन्दू, सिक्ख, जैन, ईसाई व पारसी को राहत देने वाला है. भारत सरकार द्वारा पारित अधिनियम का पूरा हिन्दू समाज स्वागत करता है.
विहिप के क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्याय ने कहा कि वर्ष 1947 में देश विभाजन के समय पाकिस्तान में करीब 6.5 प्रतिशत से अधिक हिन्दू थे जो आज घटकर लगभग 1.6 प्रतिशत ही रह गए हैं. बांग्लादेश में 22.50 प्रतिशत हिन्दू थे जो आज 12 प्रतिशत ही बचा है. स्पष्ट है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में हिन्दुओं का धार्मिक उत्पीड़न होता है और जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है.
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान विदेश मंत्रियों ने भी पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ हो रहे अत्याचार के बारे में आधिकारिक रूप से बताया था. असम के तत्कालीन मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने उस समय के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को 20 अप्रैल 2012 को मेमोरेंडम दिया था. जिसमें उन्होंने बांग्लादेश में धार्मिक आधार पर उत्पीड़ित व्यक्तियों को भारतीय बताते हुए कहा कि भारत सरकार उनके साथ विदेशियों की तरह बर्ताव न करे. वर्ष 2004 से लेकर 2014 तक यूपीए सरकार आधिकारिक रूप से मानती थी कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिन्दुओं खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं, मगर सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए.
विहिप के प्रांत संगठन मंत्री राजाराम ने कहा कि पड़ोसी देशों से धार्मिक रूप से प्रताड़ित होकर आए हिन्दू परिवार नागरिकता नहीं मिलने के कारण अभाव में अपना और परिवार का जीवन यापन कर रहे हैं. इस अधिनियम के पारित होने से विस्थापित हिन्दू परिवारों को भारत की नागरिकता मिल जाएगी, इससे सभी के घरों में खुशी व दिवाली जैसा माहौल है. धार्मिक उत्पीड़न झेल रहे अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलेगी. ऐसे में यह विधेयक अन्य किसी के विरोध में नहीं है. कुछ लोग इस अधिनियम को मुसलमान विरोधी बताकर राजनीति कर रहे हैं. विश्व हिंदू परिषद का सरकार से आग्रह है कि अधिनियम की आड़ में कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.