मंगलुरू. विश्व हिन्दू परिषद् की तीन दिवसीय केन्द्रीय बैठक आज मंगलुरू के संघ निकेतन सभागार में आरंभ हुई. पूज्य विश्वप्रसन्नतीर्थ जी महाराज, पूज्य धर्माधिकारी वीरेन्द्र जी हेगडे, विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष श्री वीएस कोकजे, कार्याध्यक्ष आलोक कुमार, अशोक चौगुले जी, विहिप के महामंत्री मिलिन्द परांडे जी द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर बैठक का शुभारम्भ किया गया.
इस अवसर पर स्वामी विश्वप्रसन्नतीर्थ जी महाराज ने कहा कि सर्वे भवन्तुः सुखिनः हमारी संस्कृति का मूल मंत्र है. भगवान् श्रीराम हमारे आदर्श पुरुष हैं और रामराज्य हमारी संकल्पना है. जिस प्रकार बादलों के छटते ही सूर्य पुनः प्रकाशित होता है, वैसे ही भारतीय संस्कृति का सूर्य पुनः प्रकाशित हो रहा है.
उद्घाटन सत्र में पद्मविभूषण पूज्य वीरेन्द्र हेगडे़ जी ने कहा कि हम सभी चाहते हैं कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर का निर्माण शीघ्र हो. मंदिर हमारे प्रेरणा केन्द्र हैं और ये सेवा के केन्द्र बनने चाहिए. मंदिर द्वारा संचालित सेवाकार्यों से धर्मान्तरण रूकेगा, समाज में सांस्कृतिक जागरण होगा और अब कर्नाटक में कोई भूख और अभाव के कारण धर्मान्तरण नहीं होगा, यह मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं. युवाओं में नैतिक शिक्षण आज देश की आवश्यकता है. विदेशों में भारतीय संस्कृति को मानने वाले लोग तेजी से बढ़ रहे हैं.
विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे जी ने कहा कि तीन दिन की बैठक में गत छह माह के कार्यों की समीक्षा करके आगामी कार्ययोजना बनानी है. 1964 में अपनी स्थापना के समय विश्व हिन्दू परिषद ने जो संकल्प लिया था, वह अभी पूर्ण नहीं हुआ है. सामाजिक समरसता और धर्मान्तरण समाप्त करने का काम अभी शेष है. हिन्दू समाज की समस्याओं के निराकरण में विहिप की महत्वपूर्ण भूमिका है.