नई दिल्ली. नियमित यज्ञ व वृक्षारोपण के साथ पर्यावरण की रक्षा तथा जल–वायु की शुद्धता व संरक्षण हिन्दू जीवन मूल्यों का अभिन्न अंग रहा है जो सम्पूर्ण प्राणी जगत के लिए आज एक महत्वपूर्ण कार्य बन गया है. प्रातः काल पर्यावरण रक्षा यज्ञ तथा बृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम के अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि यज्ञ – हवन के माध्यम से जहां पर्यावरण की शुद्धि होती है. वहीं, दूसरी ओर, वृक्षारोपण द्वारा सृष्टि के सम्पूर्ण प्राणी जगत को प्राण वायु (ऑक्सीजन) मिलती है.
विहिप के 55वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में नन्हें मुन्ने बच्चों के साथ महिलाओं व वरिष्ठ नागरिकों ने भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया. अधिकांश पौधे बच्चों के नाम पर उन्हें उनका संरक्षक नियुक्त कर लगवाए गए. अनेक लोगों ने अपने माता-पिता, परिजनों व पूर्वजों के नाम पर भी पौधे लगा कर उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया.
वैदिक विदुषी दर्शनाचार्या विमलेश आर्या के ब्रह्मत्व में संचालित देव यज्ञ (हवन) के उपरांत नन्हें मुन्ने बच्चों के साथ पौधारोपण करते हुए समाजसेवी राजेश कुमार ने क्षिति-जल-पावक-गगन-समीरा नामक पंच-तत्वों पर प्रकाश डाला. उन्होंने पर्यावरण की रक्षार्थ प्रत्येक व्यक्ति को आगे आने का आह्वान किया.
प्रसिद्ध गायक महेश लखेड़ा ने गुरु गोविन्द सिंह जी महाराज के हिन्दू धर्म व राष्ट्र की रक्षार्थ तीन पीढ़ियों के वलिदान को नमन करते हुए ‘पिता वारिया ते लाल चार बारे, ते हिन्द तेरी शान बदले…’ गीत गाया. कार्यक्रम में विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.