करंट टॉपिक्स

वीर बंदा बहादुर भारत की गौरवमयी परम्परा के संवाहक थे – आचार्य देवव्रत

Spread the love

achyar-davbratशिमला (विसंकें). विश्व हिन्दू परिषद ने शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में महायोद्धा वीर बंदा बहादुर के 300वें शहीदी दिवस पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन को किया. आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत तथा बतौर मुख्य वक्ता हिप्र केंद्रीय विवि के वीसी डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री जी उपस्थित रहे.

राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी ने कहा कि वीर बंदा बहादुर भारत की गौरवमयी परम्परा के सम्वाहक थे. भारत का इतिहास गौरवमयी रहा है, यहां अनेक वीर सपूतों ने भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है. हमें उन कमजोरियों को समझने की आवश्यकता है, जिसके कारण भारत को लगातार गुलामी का दंश झेलना पड़ा. इन कमजोरियों जैसे पाखंड, अंधविश्वास, आपसी फूट एवं झगड़ों का फायदा उठाकर विदेशी आक्रांताओं ने हमें गुलाम बना दिया. उन्होंने आह्वान किया कि आज संगठन, शक्ति, भाईचारा, एकता, देशभक्ति और सांस्कृतिक परम्पराओं को स्वीकार करके आगे बढ़ने की आवश्यकता है. गुरू गोविंद सिंह और बंदा बहादुर जैसे योद्धाओं के बलिदान का उदाहरण इतिहास में देखने से भी नहीं मिलता.

आचार्य देवव्रत ने कहा कि वीर बंदाबहादुर ने जो देशभक्ति की मिसाल कायम की है, उससे शिक्षा लेने की आवश्कता है. इस बात गहरा दुख प्रकट किया कि आज की पीढ़ी महान लोगों के आदर्शों से कोई सीख नहीं ले पा रही. यहां तक कि उनको वीर बंदा बहादुर जैसे वीर पुरूषों के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है. युवाओं को महान पुरूषों के जीवन चरित से उनके सदगुणों को धारण करने की सीख लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि गुरू गोविंद सिंह जी ने देश की मर्यादा और संस्कृति को बचाने के लिए अपने बच्चों तक का बलिदान कर दिया था. उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि अपने घरों पर महान् व्यक्तित्वों एवं शहीदों की जीवनियों को सहेज कर रखें ताकि आने वाली पीढ़ी जान पाये कि यह देश कितने महान लोगों का देश रहा है.

वीर बंदा बहादुर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए डॉ. कुलदीप अग्निहोत्री ने कहा कि बंदा बहादुर का बचपन का नाम लक्ष्मण देव था, जो क्षत्रिय वंश में रामदेव के घर राजौरी जम्मू एवं कश्मीर क्षेत्र में 1670 0 में पैदा हुए थे. बचपन में कुछ घटनाओं के बाद इन्होंने वैराग्य धारण कर लिया था, लेकिन गुरू गोविंद सिंह के सम्पर्क में आने के बाद राष्ट्र में भारत माता को विदेशी चंगुल से छुड़ाने का बीड़ा उठाया. वहीं खालसा की स्थापना कर सनातन धर्म की ध्वजा को कभी झुकने नहीं दिया. राज्यपाल ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट व्यक्तिओं को सम्मानित भी किया. इस संगोष्ठी में स्थानीय विधायक सुरेश भारद्वाज, पूर्व आयुक्त जेएस राणा, हिमाचल विश्वविद्यालय के वीसी एडीएन वाजपेयी, विहिप प्रदेश संगठन मंत्री मनोज कुमार व सहित अनेक गणमान्य जन कार्यक्रम में उपस्थित रहे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *