नई दिल्ली. चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के संयुक्त तत्वाधान में वैदिक गणित पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हो गया. सम्मेलन के अंतिम दिन का तकनीकी सत्र प्रात:10:30 बजे प्रांरभ हुआ. प्रात: कालीन सत्र का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. जितेंद्र भारद्वाज, प्रसिद्ध गणितज्ञ डॉ. श्रीराम चौथाई वाले, डॉ. कैलाश विश्वकर्मा, डीन शैक्षणिक प्रो. राधेश्याम, डॉ. पी. राजपूत, डीन डॉ. विकास गुप्ता, परीक्षा नियंत्रक डॉ. पवन गुप्ता, डॉ.सुधीर, डॉ. दिनेश कुमार मैदान द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. वैदिक गणित पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में देश विदेश से लगभग 90 विद्वानों ने पंजीकरण करवाया था. 56 गणित विद्वानों ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया. तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में वैदिक गणित पर अपने-अपने शोध पत्र रखे.
समापन समारोह में मुख्यातिथि इग्नू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव ने कहा कि भारतीय ज्ञान में गणित और वेद बहुत महत्वपूर्ण हैं, दोनों के ही दम पर हम प्राचीन समय में विश्व का नेतृत्व कर चुके हैं. शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रयास से ही वेद और गणित को मिलाकर विश्व का कल्याण करने वाला ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से वैदिक गणित को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. वेदों और गणित को मिलाकर तैयार किया गया पाठ्यक्रम अद्भुत एवं विश्व के लिए कल्याणकारी है. चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा वैदिक गणित पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर सराहनीय पहल की है, जिसके भविष्य में सार्थक परिणाम मिलेंगे.
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने कहा कि वैदिक गणित वैश्विक स्तर पर स्वीकार्य है. हम सबको मिलकर वैदिक गणित के जागृति अभियान में पूर्ण सहभागिता करनी है. प्रत्येक विद्यार्थी तक वैदिक गणित की पहुंच बनाना अनिवार्य है. न्यास और विश्वविद्यालय मिलकर वैदिक गणित के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित करेंगे. भविष्य में दोनों के संयुक्त सौजन्य में वैदिक गणित के अनुसंधान के नए मार्ग खुलेंगे. उन्होंने प्रत्येक सहभागी शोधार्थी को तीन लोगों को वैदिक गणित के प्रति जागरूक करने का संकल्प दिलाया. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.के. मित्तल ने कहा कि विश्वविद्यालय का प्रयास है कि वैदिक गणित पर वैश्विक स्तर पर संगोष्ठी, सेमिनार और शोध कार्यों द्वारा चिन्तन हो. वैदिक गणित का नई तकनीकों में जहां-जहां बेहतर उपयोग हो सकता है, उस पर चिन्तन एवं शोध की जरूरत है.
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. जितेन्द्र भारद्वाज ने सभी मुख्यातिथियों, गणित विद्वानों, शोधार्थियों एवं आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले न्यास एवं विश्वविद्यालय के सभी सदस्यों एवं आयोजकों का धन्यवाद किया.