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व्यक्तिगत चरित्र के साथ राष्ट्रीय चरित्र भी आवश्यक – कैलाश जी

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final_bstSnapshot_224951टोंक, जयपुर (विसंकें). हिन्दू समाज को पुन: अपने गौरवपूर्ण स्थान पर बैठाने के लिए शिवाजी जैसे पुत्रों व जीजाबाई जैसी माताओं की आवश्यकता है. विश्व हिन्दू परिषद वह माता है, जिसने बजरंग दल जैसे वीर संगठन को जन्म दिया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, राजस्थान क्षेत्र के बौद्धिक प्रमुख कैलाश जी रविवार को निवाई स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में पिछले दो दिन से जारी बजरंग दल के शौर्य प्रशिक्षण शिविर में आए शिक्षार्थियों को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि बजरंग दल के तीन कार्य हैं, पहला सज्जनों की रक्षा करना, दूसरा दुर्जनों का विनाश एवं तीसरा धर्म की स्थापना करना. हनुमान जी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत चरित्र के साथ राष्ट्रीय चरित्र भी आवश्यक है. सुरक्षा जैसी बाधाओं को अपने बुद्धि-कौशल से परास्त किया जा सकता है. जिस प्रकार हनुमान जी ने अपना लक्ष्य प्राप्त किया था, उसी प्रकार अपने ज्ञान एवं वीरता से बजरंग दल भी सभी बाधाओं पर विजय प्राप्त कर देश के परम वैभव का अपना लक्ष्य प्राप्त करेगा. इस अवसर पर विहिप के कार्यकारी प्रांत अध्यक्ष राधेश्याम गौतम, बजरंग दल के क्षेत्रीय संयोजक इन्द्रजीत सिंह राजपुरोहित एवं विहिप के टोंक जिलाध्यक्ष सीताराम शर्मा भी उपस्थित थे.

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