बालोतरा (विसंकें). राजस्थान के पूर्व प्रान्त प्रचारक रहे श्रद्धेय सोहन सिंह जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने हेतु 6 जुलाई को सुबह श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. जोधपुर प्रान्त के प्रान्त प्रचारक मुरलीधर जी ने कहा कि श्रद्धेय सोहन सिंह जी डॉ. हेडगेवार और गुरूजी की प्रतिमूर्ति थे. वे व्यक्ति निर्माण की कार्यशाला थे, सच्चे शिल्पी थे. उनकी कार्यशैली का अनुसरण करना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
सभा में विश्व हिन्दू परिषद के पुरुषोत्तम सिंहल ने उनके बौद्धिक मार्गदर्शन की विशिष्टता के बारे में बताया. श्रद्धेय सोहन सिंह जी के साथ प्रचारक रहे बंशीलाल जी परमार ने उनके कठोर अनुशासन की चर्चा करते हुए कहा कि वे स्वयं अपने जीवन से सीखने वाले शिक्षक जैसे थे. स्व. सोहन सिंह जी के सन्निकट रहे वरिष्ठ प्रचारक शिवकुमार जी ने कहा कि वे वज्र से कठोर और पुष्प से कोमल थे, सामूहिक जीवन में अनुशासन का कठोर आग्रही. परन्तु व्यक्तिगत स्नेह की प्रतिमूर्ति थे. उन्होंने कहा कि जो भी उनके संपर्क में आया वो उनके स्नेह का प्रतिभागी बना.
अंत में जिला संघचालक सुरंगीलाल जी ने उनके आदर्शों को जीवन में ढालने का आह्वान करते हुए कहा कि उन्होंने जिस काम को अपना जीवन कार्य बनाया, हम उसे गति प्रदान करें. श्रद्धांजलि सभा में दो मिनट का मौन रखा गया एवं सभी ने “ध्येय साधना अमर रहे” गीत के साथ साथ श्रद्धेय सोहन सिंह जी को पुष्पांजलि अर्पित की.