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व्यक्ति निर्माण की प्रथम पाठशाला है विद्यार्थी परिषद – श्रीहरि बोरिकर जी

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लखनऊ (विसंकें). अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिभा सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि पंकज सिंह जी ने कहा कि विद्यार्थियों की आवाज बनकर प्रत्येक विश्वविद्यालय, महाविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद खड़ी रहती है. विद्यार्थी परिषद के होने का अर्थ है कि एक राष्ट्रवादी छात्रों के समूह की उपस्थिति है.

आम्बेडकर विश्वविद्यालय के सभागार में हजारों छात्रों के बीच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का प्रतिभा सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ. समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि पंकज सिंह जी, पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री एबीवीपी एवं अखिल भारतीय राज्य विश्वविद्यालय प्रमुख श्रीहरि बोरिकर जी, क्षेत्रीय संगठनमंत्री एबीवीपी रमेश गढ़िया जी, विश्वविद्यालय कुलपति डॉ.आरसी शोबती जी, सहित अन्य ने दीप प्रज्जवलन कर किया.

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्रीहरि बोरिकर जी ने कहा कि व्यक्ति निर्माण की प्रथम पाठशाला विद्यार्थी परिषद है. जो समय समय पर विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण, व्यक्तित्व निर्माण एवं जाति – धर्म से ऊपर उठकर सामाजिक समरसता के भाव के माध्यम से समाज एवं सत्ता और व्यवस्था में परिवर्तन लाने के लिए एक प्रेरक की भूमिका निभाती आ रही है. विद्यार्थी परिषद छात्रों के बीच देश के महापुरूषों द्वारा किए गए कार्यों से प्रेरणा लेकर एक भाव पैदा करने का काम करता है कि हमारे देश का छात्र स्वामी विवेकानन्द, बाबा भीमराव आम्बेडकर, रानी लक्ष्मीबाई की तरह अपने जीवन को देशहित में स​मर्पित करें.

कार्यक्रम के अध्यक्ष केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आरसी शोबती जी ने कहा कि विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों के छात्रों को आज संस्कारयुक्त एवं चरित्र निर्माण युक्त, शिक्षा उपलब्ध कराने की आवश्यकता है. जिससे छात्रों में त्याग, समर्पण के साथ साथ आत्मविश्वास जगाने की आवश्यकता है. देश के ​इतिहास एवं संस्कृति से छात्र ओतप्रोत हो. भारत के छात्रों में विश्व में अपना अलग उच्च स्थान बनाया है. हमारे देश की संस्कृति विश्व में शांति की भावना पैदा करती है. इसलिए भारत की शिक्षा और संस्कृति को पूरी दुनिया में पहुंचाने की आज महती आवश्यकता है.

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