नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी ने विद्या भारती के प्राचार्यों को संबोधित करते हुए कहा कि आचार्य केवल अध्यापक नहीं अपितु गुरु है, उसका समाज में गौरवमयी स्थान है. आचार्य को अपने दायित्व को पहचानना चाहिए तथा प्रत्येक छात्र की क्षमता व समस्या को ध्यान में रखकर उसकी अन्तर्निहित शक्तियों व गुणों के विकास का प्रयास करना चाहिए और उसके जीवन को दिशा देनी चाहिए. डॉ. कृष्ण गोपाल जी ने कहा कि शिक्षा केवल वही है जो जीवन पर्यन्त याद रहे तथा जीवन को समाज एवं राष्ट्र हेतु उपयोगी बनाए. सर सरकार्यवाह जी ने विद्या भारती दिल्ली प्रान्त द्वारा नई दिल्ली के सिविक सेंटर स्थित केदारनाथ साहनी सभागार में आयोजित आचार्य सम्मलेन में आचार्यों को संबोधित किया.
कार्यक्रम में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के महामंत्री ललित बिहारी गोस्वामी के साथ विद्या भारती के राष्ट्रीय मंत्री शिव कुमार जी तथा हेमचंद जी का सानिध्य रहा. इनके अतिरिक्त विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के अध्यक्ष अशोक पाल जी, दिल्ली प्रान्त के अध्यक्ष प्रवीण कान्त जी, महामंत्री राकेश गुप्ता जी तथा कोषाध्यक्ष संतोष पाठक जी विद्या भारती दिल्ली प्रान्त के अन्य पदाधिकारी तथा दिल्ली प्रान्त के 28 विद्यालयों से लगभग 1200 आचार्य सम्मलेन में उपस्थित थे.