आज रामनवमी है! भगवान राम का प्रकाट्य दिन ! मंगल – शुभकारी दिवस ! इस वर्ष की रामनवमी तो विशेष आनंद दायक है क्योंकि रामलला की कृपा से और हिन्दू समाज के पुरुषार्थ से 28 वर्ष बाद, रामजी टैंट से उठकर अपने मंदिर में विराजमान हो गए हैं.
विश्व कोरोना से लड़ रहा है. यह महाराक्षस है. मानस में कहा है कि शत्रु और रोग को छोटा नहीं समझना चाहिए – ‘रिपु कज पावक प्रभु आहे मनिअ न छोटे करी’. इसलिए कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए सरकार द्वारा बताई सब सावधानियों का सतर्कता से पालन करना और करवाना जरूरी है. यह भी सुनिश्चित करना है कि देश मे कहीं भी – कोई भी भूखा सोने पर विवश न हो. विश्व हिन्दू परिषद के विश्वभर के कार्यकर्ता इस संकल्प की पूर्ति में जुटे हैं.
हमें रामराज्य की ओर ही बढ़ना है. मानस में रामराज्य के वर्णन में कहा है – ‘सदा पावहिं सुखहि नही भय सोक न रोग’.
आज का दिन इसी पावन संकल्प का पुनः स्मरण कर इस की पूर्ति के लिए जुटने का आह्वान करता है.
आलोक कुमार, कार्याध्यक्ष विहिप