शिमला. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिमाचल प्रदेश द्वारा 05 से 26 जनवरी तक आयोजित 20 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष (सामान्य) का शांति इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल नकड़ोह (ऊना, हिमाचल प्रदेश) में समारोप कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण वर्ग में पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली सहित हिमाचल प्रांत के 337 स्वयंसेवकों ने भाग लिया. बीस दिन तक कठोर दिनचर्या का पालन करते हुए स्वयंसेवकों ने वर्ग में सीखे विभिन्न कौशल नि:युद्ध, दंड-युद्ध, योगासन, पद-विन्यास व खेल का प्रदर्शन किया. वर्ग का वृत्त वर्ग कार्यवाह प्रताप सिंह जी ने प्रस्तुत किया.
समारोप कार्यक्रम में मंच पर प्रांत संघचालक डॉ. वीर सिंह रांगड़ा जी, मुख्य वक्ता उत्तर क्षेत्र प्रचारक बनवीर सिंह जी, कार्यक्रम अध्यक्ष कर्नल जोगेन्द्र पाल शर्मा जी (सेनि.), वर्गाधिकारी चन्द्रशेखर जी उपस्थित रहे.
बनवीर सिंह जी ने वर्तमान समय में देश के समक्ष चुनौतियां विषय पर उद्बोधन दिया. उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक समाज में जाकर देशहित के विभिन्न काम करेंगे तो ही उनके द्वारा लिया गया प्रशिक्षण सफल होगा. संघ का कार्य व्यक्ति को गुण संपन्न बनाना है. सन् 1925 में डॉ. हेडगेवार ने सदियों की गुलामी की मानसिकता के कारण बिखरे हुए हिन्दू समाज को संगठित करने का कार्य शुरू किया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की. आज यह विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बन गया है.
बनवीर जी ने भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी की जन्म शताब्दी के बारे में भी जानकारी दी. देश में नागरिकता संशोधन विधेयक (CAA) का विरोध करने वाले जेएनयू के टुकड़े-टुकड़ गैंग के समर्थकों की निंदा की.
कार्यक्रम के अध्यक्ष कर्नल जोगेन्द्र पाल जी ने संघ द्वारा संचालित कार्यक्रमों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि समापन कार्यक्रम में स्वयंसेवकों के शारीरिक प्रदर्शन से मुझे सेना के दिनों की याद आ गई. आजादी के समय 1947 में श्रीनगर हवाई अड्डे की सुरक्षा का काम, 1962 के युद्ध में सेना को राशन पहुंचाना व सामाजिक समरसता पर संघ के काम को भी सराहा. संघ के स्वसंसेवकों को उत्कट देशभक्ति व उच्च चरित्र वाला बताया.
वर्गाधिकारी चन्द्रशेखर ने शांति इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, स्थानीय प्रशासन, विद्युत विभाग व विभिन्न मीडिया समूहों के पत्रकारों का आभार व्यक्त किया.