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संघ के विरूद्ध दुष्प्रचार की जांच करेंगे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक

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आगरा (विसंकें). फेसबुक अकाउंट पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक की कथित चैन्नई आपदा से जोड़कर डाली गई फर्जी पोस्ट के मामले में संघ ने विरोध जताया है. और मंगलवार को संघ परिवार ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मिलकर फर्जी पोस्ट के सम्बंध में ज्ञापन दिया और कार्रवाई की मांग की. स्वयंसेवक अजीत कुमार की 01 नवम्बर 2012 की एक फोटो को चैन्नई आपदा से जोड़कर संघ की छवि खराब करने की दृष्टि से फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट डाली थी. पोस्ट में पुलिस और स्वयंसेवक के बीच कहासुनी होती दिख रही है. पोस्ट पर लिख रखा था कि चैन्नई मदद के बहाने जेवर चोरी करते पकड़े गए संघ के कार्यकर्ता. फेसबुक पर डाली पोस्ट वायरल हो गई थी और विरोध भी शुरू हो गया था. संघ ने इसे छवि बिगाड़ने वाला कृत्य कहा है. षड्यंत्रकारी नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने व कड़ी कार्रवाई की मांग की.

वर्ष 2012 का वास्तविक समाचार व फोटो
वर्ष 2012 का वास्तविक समाचार व फोटो
फर्जी पोस्ट
फर्जी पोस्ट

मलपुरा के ग्राम नगला भूरिया निवासी संघ के स्वयंसेवक अजीत सिंह पुत्र सुल्तान सिंह ने मंगलवार को एसएसपी से मुलाकात कर पोस्ट का जिक्र करते हुए कहा कि पोस्ट में उसे साजिशन बदनाम करने के लिए चैन्नई की बाढ़ आपदा से जोड़कर दिखाने का कुत्सिक प्रयास किया गया. पोस्ट में बताया गया है कि आरएसएस का ये स्वयंसेवक बाड़ पीड़ितों की सहायता के बजाय लूट कर रहा है. जबकि सच्चाई ये है कि स्वयंसेवक अजीत का एक पुराना फोटो और न्यूज एक नवम्बर 2012 की एक घटना का है, जो स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई थी, जिसका शीर्षक था दौड़ाकर पीटे संघ के स्वयंयेवक. गौरतलब है कि इस चित्र में स्वयंसेवक सफेद कमीज व खाकी नेकर पहने है और पुलिस बल का प्रयोग कर रही है. उन्होंने ज्ञापन में बताया कि यह राष्ट्रविरोधियों द्वारा बदनाम करने के लिए षड्यंत्र रचा गया.

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