उदयपुर (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजस्थान क्षेत्र के क्षेत्र कार्यवाह हनुमान सिंह जी ने कहा कि अमेरिका के लोग भी मानने लगे हैं कि ईश्वर को पाने का एकमात्र मार्ग ईसा से होकर नहीं जाता, अन्य भी मार्ग हो सकते हैं. साथ ही अब वह पुनर्जन्म में विश्वास करने लगे है, शवों का दाह संस्कार तक करने लगे हैं, या यूं कहें तो हिन्दू हो रहे हैं. हनुमान सिंह जी द्वितीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग के समारोप कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे. 20 दिवसीय वर्ग का समारोप कार्यक्रम 7 जून को आयोजित किया गया था.
उन्होंने कहा कि भारत सबसे युवा देश है. विश्व के विभिन्न देशों में प्रतिस्पर्धा यूरोप और अमेरिका से न होकर भारत और चीन से है. विश्व में भारत ही ऐसा देश है जो प्राचीन काल से चली आ रही परंपराओं पर आज भी मौजूद है. क्षेत्र कार्यवाह जी ने कहा कि विश्व में परिवार भाव का अभाव है. संयुक्त परिवार का दर्शन करना हो तो भारत में आना चाहिए. परंतु भारत में भी भोगवाद के कारण से परिवार टूटते जा रहे हैं. प्राचीन भारत में गुरूकुल के शिक्षक एक समय भिक्षायाचना और एक समय स्वयं खेती करके भी संस्कारित समाज का निर्माण करते थे. इसी तत्व चिंतन को ध्यान में रखते हुए संघ दूसरों पर दोषारोपण नहीं करता और ऐसे स्वयंसेवकों का निर्माण करता है जो देशभक्त और संस्कारवान होते हैं. संघ का यह कार्य परिवार के स्तर पर हो, इस बात को ध्यान में रखते हुए संघ ने परिवार प्रबोधन का कार्य भी शुरू किया है.
कार्यक्रम के अध्यक्ष पाइरोटेक ग्रुप के चेरयमैन प्रताप सिंह तलेसरा ने कहा कि संघ, स्वयंसेवकों में बचपन से ही देशभक्ति, अनुशासन और संस्कार भाव देने के कार्य में लगा हुआ है. यदि स्वयंसेवक प्रतिदिन, बीते दिन से पांच प्रतिशत ज्यादा करें तो, जीवन में अपने प्रतिद्वन्द्वी से कई गुना आगे निकल सकता है. कार्यक्रम में मंच पर वर्ग के सर्वाधिकारी ललित कुमार शर्मा जी, समारोप स्थल पर काफी संख्या में नगर के गणमान्य जन भी उपस्थित थे .