रांची. संघ कार्यालय श्रीनिकेतन सभागार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तर-पूर्व क्षेत्र के क्षेत्र संघ चालक सिद्धिनाथ सिंह, झारखण्ड प्रांत संघचालक देवब्रत पाहन, झारखंड प्रांत सह कार्यवाह राकेश लाल ने संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता को संबोधित किया.
उन्होंने कहा कि योग भारत के प्राचीन संस्कारों का आध्यात्मिक स्वरूप है और यह हमारे स्वस्थ जीवन का आधार है. संघ अपनी शाखाओं के माध्यम से योग को सुदूर गांवों तक ले जाएगा. बताया कि वनबन्धु परिषद् एवं ग्राम विकास और सेवा भारती के द्वारा चलाये जा रहे कार्यों से वन कंदराओ में झारखंड के सुदूर गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को जोड़ा जा रहा है, जिसके कारण वे रोजगार के साथ साथ अपने संस्कार और संस्कृति को बढ़ा रहे है. संघ स्वस्थ और शिक्षित हिन्दू समाज की कल्पना को साकार करने की ओर अग्रसर है.
राकेश लाल ने जम्मू कश्मीर की समस्या पर पत्रकारों के प्रश्नों का जबाव देते हुए कहा कि जम्मू और लद्दाख में कोई समस्या नहीं, बल्कि कश्मीर के घाटी क्षेत्र के कुछ भाग में लोग बहकावे में आ जाते है, जिनकी संख्या भी अब धीरे धीरे कम हो रही है. उन्होंने कहा कि संघ सामाजिक समरसता में अटूट विश्वास रखता है और जाति विहीन कल्पना को साकार करने के लिये एक मंदिर, एक कुआं और एक श्मशान की नीति को समाज में लाने के प्रयास को साकार करना चाहता है.