मुजफ्फरपुर (विसंकें). मुजफ्फरपुर के एमडीडीएम कॉलेज में तीन दिवसीय संवाद कार्यशाला का उद्घाटन महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. ममता रानी जी ने किया. विश्व संवाद केंद्र द्वारा आयोजित कार्यशाला में ममता रानी जी ने कहा कि संवाद हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है. सुसंवाद नहीं होने से विवाद उत्पन्न होता है. सही ढंग से संवाद नहीं करने पर कई गुत्थियां अनसुलझी रह जाती हैं. संवाद में सुस्पष्टता होनी चाहिए. अपनी बातों को स्पष्ट ढंग से रखना ही संवाद है. इसकी आवश्यकता हर क्षेत्र में है. अगर कोई सफल संवाद करता है तो वह लड़ाई की आधी बाजी जीत लेता है.
बिहार के प्रख्यात उद्यमी एवं समाजसेवी चंद्रमोहन खन्ना जी ने संवाद में राष्ट्रभाव की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि भारत की पत्रकारिता में दुर्भाग्य से राष्ट्रभाव का लोप हो रहा है. समाचार देने की होड़ में समाचार के असर को हम नजरअंदाज कर देते हैं. विमान अपहरण कांड हो या होटल ताज की घटना, इन सब में समाचार देने की होड़ में पत्रकारों ने आतंकवादियों की मदद कर दी. अगर पत्रकारिता देशहित में नहीं है तो उत्तम पत्रकारिता नहीं कही जा सकती है.
प्रख्यात शिक्षाशास्त्री डॉ. महेश सिंह जी ने संवाद कार्यशाला का आयोजन करने के लिए महाविद्यालय के प्राचार्य एवं विश्व संवाद केंद्र की प्रशंसा की. कार्यशाला में संवाद, संवाद प्रक्रिया, संवाद की आवश्यक शर्तें एवं संवाद के प्रकार की चर्चा हुई.