विदिशा. विदिशा की कुछ महिलाओं ने समाज के लिए एक बड़ा उदहारण प्रस्तुत किया है. इन महिलाओं की आय कम है, वे घरों में झाड़ू पोंछा करती हैं. लेकिन मुश्किल में फंसे समाज की मदद करने में उनका दिल बड़ा है. इन्हीं बड़े दिल की गरीब महिलाओं ने शुक्रवार को कोरोना पीड़ितों के लिए पीएम-केयर्स फंड में 41 हजार रुपये की राशि दान की है. यह रकम बहुत बड़ी नहीं है. लेकिन इन महिलाओं की भावनाओं ने इसे बड़ा बना दिया.
कोरोना वायरस की महामारी से बचाव के लिए कई उद्योगपति से लेकर समाजसेवी संगठन आर्थिक रुप से मदद के लिए आगे आए है, लेकिन इन महिलाओं द्वारा किया गया यह दान करोड़ों रुपए की सहायता से ज्यादा बड़ा है.
संकट के दौर में जब कोरोना के डर से अधिकांश घरों में झाडू पोंछा करने वाली महिलाओं से काम कराना बन्द कर दिया है. ये महिलाएं घरों पर रहने के वाबजूद अपनी बचत में से कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए आगे आई हैं. घरेलू कामकाजी महिला सुनीता रैकवार और गुड्डी वंशकार ने स्थानीय अखबार से बात करते हुए बताया कि इस महामारी से बचाव के लिए सैकड़ों लोग अपनी जान की वाजी लगाकर काम कर रहे हैं. उनके लिए थोड़ी मदद हम कर सकते हैं. इसी बात को लेकर उन्होंने अन्य महिलाओं से बातचीत की. जिसमें सभी ने बिना किसी संकोच के पहली बार में ही सहमति दे दी. किसी ने 20 रुपये तो किसी ने 100 रुपये तक की मदद की. इस तरह करीब 500 महिलाओं ने 41 हजार रुपये की राशि जमा की.
महिलाओं ने 41 हजार रुपये की राशि का चेक पीएम-केयर्स के नाम डिप्टी कलेक्टर प्रवीण प्रजापति को सौंपा है. सुनीता वाई वताती हैं कि यह सभी महिलाएं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली हैं. शहर के अलग अलग क्षेत्रों में महिलाएं स्व सहायता समूहों से जुड़ी हैं. कोरोना पीड़ितों की मदद करने वाली महिलाओं का काम इन दिनों बंद है. उन्होंने अपनी बचत में से यह राशि दान की है.
महिलाओं की भावनाओं से कलेक्टर डॉ. पंकज जैन भी अभिभूत नजर आए. उनका कहना था कि इस मुश्किल दौर में इन महिलाओं की यह मदद बहुत बड़ी है. वे स्वयं कठिनाई झेलते हुए दूसरों की मदद कर रही हैं, यह सच में प्रेरणादायक है.