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सद्साहित्य से होती है वैचारिक भूख की तृप्ती – डॉ. मनमोहन वैद्य जी

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manmohan-ji-4जयपुर (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य जी ने कहा कि जिस प्रकार भोजन ग्रहण करने से भूख तृप्त होती है, वैसे ही सद्साहित्य पढ़ने से मनुष्य की वैचारिक भूख तृप्त होती है. डॉ. वैद्य जी मंगलवार को मुरलीपुरा के केडिया पैलेस चौराहे पर साहित्य बिक्री केन्द्र के उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थित समाज बंधुओं को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने गीताप्रेस पुस्तक केन्द्र पर खोले गए, इस साहित्य बिक्री केन्द्र का मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया.

उन्होंने कहा कि सामान्यत: यह देखा गया है कि एक केन्द्र पर एक ही प्रकार की पुस्तकें मिलती है. किसी पर धार्मिक तो किसी पर देश एवं समाज से जुड़ी पुस्तकें उपलब्ध होती है. एक केन्द्र पर धार्मिक के साथ राष्ट्रीय एवं सामाजिक विचार वाले साहित्य का उपलब्ध होना साहित्य संगम ही है जो किसी तीर्थं से कम नहीं है. अब गीता प्रेस पुस्तक केन्द्र पर दोनों प्रकार की पुस्तकें पाठकों को सहज सुलभ हो सकेगी. उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक चौराहों पर अच्छा साहित्य वर्ष में एक बार उपलब्ध करवाते हैं. अच्छा साहित्य हर दिन सहज सरलता से उपलब्ध हो, इसीलिए ये साहित्य बिक्री केन्द्र खोले गए है.

विद्यार्थियों के लिए भी उपयोगी साहित्य

इस केन्द्र का संचालन सतीश जी करेंगे. साहित्य विक्रय केंद्र पर राणा प्रताप, शिवाजी, स्वामी विवेकानंद, ऊधम सिंह, भगत सिंह, वीर सावरकर, डॉ.केशव हेडगेवार, माधव सदाशिव गोलवलकर सहित पौराणिकवैदिक राष्ट्र नायकों का प्रबोधनकारी जीवन चरित्र उपलब्ध रहेगा. साथ ही इतिहास, विज्ञान, गणित आदि में सम्पूर्ण विश्व का मार्गदर्शन करने वाले व वर्तमान की दृष्टि से भी प्रासंगिक इतिहास ग्रन्थों को भी सम्मिलित किया गया है. विशेषकर विद्यार्थियों के लिए यह बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकती है.

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