पटना (विसंकें). विश्व संवाद केंद्र में चल रहे 12 दिवसीय पत्रकारिता प्रशिक्षण वर्ग का समापन शनिवार 23 जनवरी को हो गया. समापन समारोह में वरिष्ठ पत्रकार मणिकांत ठाकुर ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि विश्वसनियता ही पत्रकार की पूंजी होती है. इसलिए जरूरी है कि समाचार संकलन, लेखन एवं इसके प्रकाशन या प्रसारण के समय निष्पक्षता का ध्यान रखा जाये. किसी भी पत्रकार या मीडिया संस्थान की प्रासंगकिता उसके निष्पक्ष रिपोर्टिंग में ही होती है. उन्होंने कई वरिष्ठ पत्रकार और देश दुनिया के प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं का उदाहरण देते हुए विश्वसनीय एवं ‘प्रो-पिपल’ पत्रकारिता के विषय में बताया. उन्होंने कहा कि जब सरकार और समाज के बीच खाई उत्पन्न हो जाए तो उस खाई को पाटना और एकसमतामूलक समाज का निर्माण का दायित्व भी पत्रकारिता पर है.
वरिष्ठ पत्रकार कृष्णकांत ओझा ने स्रोत के महत्व को बताते हुए कहा कि स्रोत की गोपनीयता के साथ-साथ स्रोत की विश्वसनियता पर भी ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है. स्रोत और साक्ष्य में अंतर तथा दोनों का महत्व पत्रकार को समझना चाहिए. प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि भावी पत्रकार में संवेदनशीलता, जिज्ञासा, सूक्ष्म अनवेषण की क्षमता, अध्ययनशीलता जैसे गुण होने चाहिए. कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष श्रीप्रकाश नारायण सिंह ने कहा कि विगत 15 वर्षों से विश्व संवाद केंद्र पत्रकारिता में आए क्षरण के गुणवत्ता को पुनर्बहाल करने का प्रयास कर रहा है. पिछले 10 साल से यह कार्यशाला प्रत्येक वर्ष आयोजित की जाती है. यहां से प्रशिक्षण लेकर निकले छात्र-छात्राएं राज्य और राज्य से बाहर कई मीडिया संस्थानों में कार्य कर रहे हैं. इस अवसर पर प्रशिक्षुओं द्वारा तैयार पत्रिका ‘युवजन’ का विमोचन भी किया गया.