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समाज में जागरूकता लाने के लिए मीडिया दे सकता है अहम योगदान – विजय कुमार जी

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दो दिवसीय राष्ट्रीय मीडिया सेमीनार का आयोजन

फरीदाबाद (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हरियाणा के प्रांत प्रचारक विजय कुमार जी ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति सभी देशों की संस्कृति से महान है, लेकिन गलत शिक्षा पद्धति के कारण हमारी संस्कृति में गिरावट आई है. हमें अपनी संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए आगे आना होगा और इसके लिए लोगों को जागरूक करना होगा. लोगों में जागरूकता लाने का काम मीडिया ही कर सकता है. विजय जी शुक्रवार को फरीदाबाद स्थित जगदीश चन्द्र बोस विश्वविद्यालय (वाईएमसीए) में विश्व संवाद केंद्र व वाईएमसीए के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय मीडिया सेमीनार के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉ. संजय शर्मा जी ने की तथा मंच संचालन प्राध्यापक उदयभान जी ने किया. राष्ट्रगीत से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया और राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ. सेमीनार में विभिन्न प्रान्तों से लेखकों, पत्रकारिता के विद्यार्थियों व प्राध्यापकों ने भाग लिया.

विजय कुमार जी ने कहा कि पत्रकार का काम बहुत ही चुनौतीपूर्ण है. पत्रकार को प्रत्येक दिन अपने जीवन में कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. एक अच्छे पत्रकार को समाज में अपनी विश्वसनीयता को बरकरार रखने के लिए ख़बरों को सनसनी बनाने के बजाय फील्ड में जा कर खबर की सत्यता को परखना चाहिए. देवर्षि नारद सृष्टि के प्रथम पत्रकार थे और उन्होंने हमेशा जनकल्याण के लिए कार्य किया. लेकिन टीवी व धारावाहिकों के माध्यम से आज समाज में उनकी छवि गलत तरीके से प्रस्तुत की जा रही है. एक अच्छे पत्रकार को देवर्षि नारद के पद चिन्हों पर चलते हुए संचार, संवेदना व सकारात्मकता से समाज को नई दिशा देने का काम करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि जब से सोशल मीडिया का प्रयोग बढ़ा है, तब से प्रत्येक व्यक्ति पत्रकार बन गया है. इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और उसे सोशल मीडिया का सही प्रयोग करना सीखना होगा. किसी भी घटना की सत्यता को जाने बिना आगे भेजने की आदत से बचना होगा. हमारी संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए युवा पीढ़ी को देश की संस्कृति से रूबरू करवाना होगा. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एक विदेशी व्यक्ति ने 9/11 को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला कर दुनिया को दहशत का संदेश दिया था और दूसरी तरफ भारत के एक युवा सन्यासी स्वामी विवेकानन्द ने वर्षों पहले 11/9 को दुनिया को भारत की महान संस्कृति के दर्शन करवाकर अध्यात्म व शांति का संदेश दिया था. यह घटना इस बात को दर्शाती है कि हमारी संस्कृति कितनी महान है.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विपुल गोयल जी ने कहा कि हमें अपनी सोच को सकारात्मक बनाना होगा. पत्रकार को मीडिया ट्रायल करने की बजाय मामले की सत्यता को जांचना चाहिए. देश में हरियाणा 2 प्रतिशत है, लेकिन इसी हरियाणा के लोग खेलों में देश को 60 प्रतिशत मैडल देते हैं, जब सीमा की सुरक्षा की बात आती है तो सबसे आगे हमारे जवान होते हैं. उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित पत्रकारिता के विद्यार्थियों व शार्ट फिल्म निर्माताओं से आह्वान किया कि वे पर्यावरण जागरूकता से सम्बन्धित फिल्म बनाने का कार्य करें, इसके लिए वह उन्हें मंत्रालय की तरफ से आर्थिक मदद भी मुहैया करवाएंगे. राज नेहरू जी ने कहा कि सोशल मीडिया के आने के बाद फेक न्यूज़ का चलन बढ़ा है. इसलिए इस पर रोक लगनी चाहिए. राजेश कुमार ने विश्व संवाद केंद्र के बारे में जानकारी प्रदान की.

पत्रकार को स्पष्टता, विशुद्धता, एकाग्रता, आत्मविश्वास के साथ कार्य करना चाहिए

रोहतक स्थित बाबा मस्त नाथ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मारकंडे आहुजा जी ने दूसरे सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज भौतिकतावाद का दौर चल रहा है. आज जिस नकारात्मक माहौल में हम जी रहे हैं, उसमें सकारात्मकता को ढूँढना हमारी जिम्मेदारी है. तीन चश्मे वाले एक व्यक्ति का उदाहरण देते हुए कहा कि एक चश्मा हमें अपने अंदर झांकने वाला भी रखने की जरूरत है, ताकि समाज को सही दिशा दी जा सके. एक पत्रकार को स्पष्टता, विशुद्धता, एकाग्रता, आत्मविश्वास के साथ अपना कार्य करना चाहिए. एक पत्रकार के अंदर राष्ट्रीयता की भावना भी होनी चाहिए.

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