पुणे. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की पहली और महत्वपूर्ण बैठक 19 फरवरी 2020 को आयोजित की गई थी. ट्रस्टी और ट्रस्ट के पहले अध्यक्ष के रूप में पूजनीय नृत्यगोपाल दास जी महाराज और महासचिव के रूप में चम्पतराय जी एवं पूजनीय गोविंद देव गिरि जी महाराज को कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया. विश्व हिन्दू परिषद प्रसन्नता व्यक्त करती है. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण केवल उसी प्रारूप में किया जाना चाहिए, जिसका उपयोग आंदोलन के दौरान किया गया था. अयोध्या में मंदिर निर्माण में उपयोग किए जाने वाले पत्थर तराशने का कार्य अनेक दशकों से जारी है. उन्हीं पत्थरों से मंदिर निर्माण हो, यह हिन्दू समुदाय की अपेक्षा है. उसे विश्वास है कि नए बनाए गए ट्रस्ट द्वारा निश्चित रूप से इसे पूरा किया जाएगा. पहली बैठक में ही ट्रस्ट द्वारा वित्तीय और अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. ट्रस्ट को इस त्वरित कार्यवाही के लिए बधाई. अब यह माना जा सकता है कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण शीघ्र प्रारम्भ होगा.
उन्होंने कहा कि सांसद असदुद्दीन ओवैसी की उपस्थिति में उन्हीं की पार्टी के प्रवक्ता वारिस पठान जैसे नेता की 15 करोड़ की गीदड़ भभकी का हिन्दुओं पर तो निश्चित ही कोई असर नहीं होने वाला, किन्तु हाँ, यदि मुसलमानों ने ऐसे गैर जिम्मेदार गलत नेतृत्व को स्वीकारा, तो उनका सम्पूर्ण समाज ना सिर्फ कटघरे में खड़ा होगा, बल्कि उनके लिए एक नए खतरे का निर्माण भी करेगा. हिन्दू समाज अपनी सभी चुनौतियों का सामना करने हेतु सक्षम है. हम राज्य सरकार से निवेदन करते हैं कि ऐसे सामाजिक विद्वेष फैलाने वाले जहरीले नेताओं के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही करे.
शरद पवार ने अयोध्या की मस्जिद के लिए एक ट्रस्ट बनाने का जो अनावश्यक मुद्दा उठाया है, वह उनकी मुस्लिम तुष्टीकरण की स्वार्थी राजनीति तथा समाज में हेतु पूर्वक कटुता फैलाने के एक नए षड्यंत्र से इतर कुछ नहीं है.
विश्व हिन्दू परिषद वर्ष प्रतिपदा (25 मार्च, 2020) से हनुमान जयंती (07 अप्रैल, 2020) तक देश भर में भव्य रथयात्राओं के साथ देश के 02 लाख से अधिक स्थानों पर श्री रामोत्सव का आयोजन करेगी.
नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में देश भर में कई स्थानों पर हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इनके पीछे कुछ मुस्लिम तुष्टीकरण करने वाले राजनीतिक दल, कम्युनिस्ट पार्टी तथा पी.एफ.आई. जैसे कट्टरपंथी जिहादी मुस्लिम संगठन और मुस्लिम समुदायों का एक बड़ा समूह स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. दिल्ली, चेन्नई, मुंबई इत्यादि जगहों पर जो तथाकथित अहिंसक प्रदर्शन भी हो रहे हैं, उनमें जिस तरह से राष्ट्रविरोधी, हिन्दू-विरोधी घोषणाएं और भाषण हो रहे हैं, उनसे ऐसा लगता है कि राष्ट्र-विरोधी ताकतें उनके भी पीछे हैं. विश्व हिन्दू परिषद ऐसे सभी हिंसक और राष्ट्र विरोधी प्रदर्शनों की निंदा करती है और कानून हाथ में लेने वाले और तोड़ने वाले, सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करती है.
विश्व हिन्दू परिषद, विश्वव्यापी हिन्दू संगठन है. धार्मिक रूप से सताए जाने के कारण जिन्होंने भी भारत में शरण ली है, उन सभी अल्पसंख्यक हिन्दुओं, जैन, बौद्ध, सिक्खों के लिए भारत में नागरिकता और सुरक्षा दिलाने में विहिप पूरी तरह से सहयोग करेगा. पूज्य संतों ने भी केंद्र सरकार के CAA सम्बन्धी निर्णय पर बधाई देते हुए उसके सम्बन्ध में सही जानकारी के प्रचार-प्रसार का निर्णय और योजना बनाई है. विश्व हिन्दू परिषद आदरणीय संतों के प्रचार कार्य में भी पूरी शक्ति से सहायता करेगी.
कार्य को बढ़ाने और आगामी कार्य योजना तैयार करने के लिए, हर वर्ष विश्व हिन्दू परिषद के विभिन्न विभागों (आयामों) की एक केंद्रीय बैठक आयोजित की जाती है. इसी के अंतर्गत, बजरंग दल की दो दिवसीय अखिल भारतीय बैठक 22 फरवरी से चिंचवाड़ (पुणे) में होगी.