भोपाल (विसंकें). दान करने के लिए सामर्थ्य नहीं दिल बड़ा होना चाहिए, इस कहावत को चरितार्थ किया है जबलपुर के एक किसान ने. जिन्होंने अपनी 2 एकड़ फसल में से आधी फसल कोरोना महामारी से लड़ रहे जरूरतमंद नागरिकों की सहायता के लिए सेवा भारती को दान कर दी. कोरोना महामारी से देश की आर्थिक गतिविधियां रुक गई हैं, मजदूर और जरूरतमंद लोगों को रोटी का संकट है. ऐसी स्थिति में समाज के बीच में से आ रहे सकारात्मक समाचार दिल को बेहद सुकून देते हैं. ऐसा ही एक समाचार सामने आया जबलपुर जिले के शाहपुरा तहसील के अंतर्गत आने वाले दलपतपुर गांव से, जहां गांव के एक मल्लाह परिवार ने आपदा की इस घड़ी में बड़ा दिल दिखाते हुए अपने खेत में उपजी आधी सब्जी सेवा भारती को जरूरतमंद लोगों में बांटने के लिए दान कर दी.
भारतीय किसान संघ के प्रांत संगठन मंत्री भरत पटेल सेवा भारती के कार्यकर्ताओं के साथ जब दलपतपुर गांव में पहुंचे तो उन्होंने दलपतपुर गांव के तेजराम, रंजीत, अनाड़ीलाल व विष्णु मल्लाह के परिवार के साथ संकट पर चर्चा की. आपदा की गंभीरता को जानकर मल्लाह परिवार ने संकट की इस घड़ी में अपनी तरफ से कुछ सहयोग देने की इच्छा जताई और कहा कि वह अपनी 2 एकड़ सब्जी की फसल में से एक एकड़ फसल गरीब बेसहारा व जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए दान करना चाहते हैं. पूरे परिवार ने उसी समय खेत में लगी लौकी और कद्दू की फसल तोड़कर गाड़ी में लोड करवा कर सेवा भारती को पहुंचा दी.
प्राप्त जानकारी के अनुसार दलपतपुर ग्राम का मल्लाह परिवार सामान्य किसान परिवार है, जिसकी आजीविका अपनी खेती से ही चलती है. वह खेतों में सब्जी लगाकर उसे बाजार में बेच कर अपने परिवार का पालन करते हैं. लेकिन कहते हैं – दान करने के लिए दिल बड़ा होना चाहिए और मल्लाह परिवार ने संकट की इस घड़ी में अपना बड़ा दिल दिखाते हुए सब्जी की फसल को सेवा के रूप में दान करके एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है.