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सामाजिक विषमता को समाप्त करने का कार्य करें स्वयंसेवी संस्थाएं – दुर्गा दास जी

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श्रवण कुमार के पद चिन्हों पर चलकर करें माता-पिता की सेवा – मनन चतुर्वेदी जी

जयपुर (विसंकें). आंबेडकर सर्किल स्थित एसएमएस इन्वेस्टमेंट ग्राउंड में चल रहे हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेले के चौथे दिन प्रातः 10 बजे मातृ-पितृ वंदन कार्यक्रम हुआ. जिसमें हजारों पुत्र पुत्रियों ने माता-पिता का वंदन किया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि मनन चतुर्वेदी जी ने कहा कि माता-पिता का कर्ज संतान कभी भी नहीं चुका सकती. अतः जिस प्रकार श्रवण कुमार ने माता-पिता की सेवा की, उसी भाव के साथ हमें भी अपने माता-पिता की सेवा-सुश्रुसा करनी चाहिए. किरोड़ीलाल मीणा जी ने कहा कि हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा प्रयास अनूठा एवम् अद्भुत है. जिसमें सभी समुदाय, संस्थाओं, मंचों को संगठित करके समाज में सकारात्मक विचारों की क्रान्ति का प्रयास किया जा रहा है.

सेवा मेले में सामाजिक समरसता समारोह भी संपन्न हुआ. जिसमें मुख्य वक्ता दुर्गा दास जी ने कहा कि संघ के तृतीय सरसंघचालक बालासाहब देवरस जी ने सामाजिक समरसता का कार्य करके नई शुरुआत की. इससे समाज में जागरूकता बढ़ी जो धीरे धीरे समाज में वैचारिक क्रान्ति ला रही है. धर्म शास्त्रों में उचित अनुचित बिन्दुओं की पुनः व्याख्या करने के लिए हिन्दू समाज को एकजुट होने की आवश्यकता है. समाज में आवश्यकताओं के अनुसार हमारे शास्त्रों की पुनर्व्याख्या करके स्वस्थ एवं समरस समाज की स्थापना करने से सामाजिक समानता का निर्माण सम्भव हो पाएगा. उन्होंने समाज सुधारकों एवं लोक देवताओं का जिक्र करते हुए कहा कि रामदेवरा के लोक देवता बाबा रामदेव जी ने विषम परिस्थितियों में भी सामाजिक समरसता का कार्य किया. बेणेश्वर धाम औदीच्य ब्राह्मण परिवार के माल जी महाराज एवं भरतपुर के महाराजा सूरजमल सहित कई समाज सुधारकों का योगदान अतुलनीय है. सामाजिक विषमता को समाप्त करने का कार्य के लिए स्वयंसेवी संस्थाएं आगे आएं.

इस अवसर पर साध्वी समदर्शी जी ने वर्ण व्यवस्था की व्याख्या करते हुए कहा कि मानव शरीर के चार हिस्सों में वर्ण व्यवस्था को परिभाषित किया गया है. जिसका वास्तविक अर्थ समभाव के साथ समरसता स्थापित करना है. तभी मानव जीवन में समानता स्थापित होगी. अतः बंधुत्व भाव की परिभाषा को हमें समझना जरुरी है. परिवार, जाति, समाज, मठ मंदिर, संस्थाओं और मंचों में सबसे पहले सामाजिक समरसता की आवश्यकता है. तभी समाज में सामाजिक समरसता एवं सद्भाव कायम होगा. पूर्व आईपीएस एवं आंबेडकर पीठ के महानिदेशक कन्हैया लाल बैरवा ने सभी का आभार व्यक्त किया.

प्रयास आर्ट फेस्टिवल में नामी चित्रकारों ने की लाइव चित्रकारी

प्रयास आर्ट फेस्टिवल के बैनर तले लाइव चित्रकारी की गई. जिसमें राजस्थान के नामी चित्रकारों ने थीम आधारित चित्रकारी की. आर्ट फेस्टिवल के प्रभारी डॉ. सुरेन्द्र सोनी जी, विजय कुमार शर्मा जी ने कहा कि मेले में मुख्य रूप से छह थीम पर आधारित रंग बिरंगी चित्राकृतियां बनाईं, जो मेले में सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र रहीं.

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ आधारित नुक्कड़ नाटिका का मंचन

मेले में ह्यूमन केयर सोसाइटी द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ एवं “नारी सशक्तिकरण” के विषय पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया. ह्यूमन केयर सोसाइटी की संयोजक स्वीटी सोनी जी ने कहा कि नुक्कड़ नाटक का उद्देश्य इन विषय़ों पर आमजन को जागरूक करना तथा नारी के प्रति सम्मान एवं आदर भाव जागृत करना है.

सेवा मेले में पर्यावरण संरक्षण हेतु धरती माता, नदियों एवं प्रकृति के प्रति सम्मान हेतु गंगा भूमि वंदन भी हुआ और सायंकाल वेला में गंगा माता की आरती की गई.

मेले में रक्तदान शिविर का भी आयोजन

भगवान महावीर कैंसर चिकित्सालय एवं अनुसन्धान केंद्र की ओर से रक्तदान शिविर हुआ, जिसमें विजिटर्स ने भी स्वेच्छा से बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया. विज्ञान प्रदर्शनी में पर्यावरण संरक्षण एवं मेले की थीम अनुसार कई मॉडल आकर्षण का केंद्र रहे, जिसमें इलैक्ट्रिक बाईसाईकल सहित कई आविष्कार शामिल हैं.

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