देहरादून (विसंकें). राज्यसभा सांसद डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी जी ने कहा कि देवर्षि नारद एक ऐसे पत्रकार थे जो अच्छे काम करने वालों को अच्छी सीख देते थे और बुरा काम करने वालों की बुराइयों को सामने लाकर उजागर करते थे. पत्रकारों का दायित्व है कि वह समाज में व्याप्त बुराइयों को उजागर करते हुए सामाजिक एकता व समरसता को बनाए रखने में भी अपनी भूमिका का निर्वहन करे. वे आदि पत्रकार देवर्षि नारद जी की जयन्ती पर एएमएन घोष सभागार (ओएनजीसी) में विश्व संवाद केन्द्र द्वारा आयोजित समारोह में उपस्थित पत्रकारों एवं गणमान्य व्यक्तियों को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कश्मीर मुद्दे को लेकर करारा हमला करते हुए कहा कि यदि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर अंकुश नहीं लगता तो पाकिस्तान के चार टुकड़े कर देने चाहिए. उन्होंने अयोध्या स्थित श्रीराम जन्म भूमि को लेकर किसी भी विवाद से इंकार करते हुए कहा कि यह भूमि श्री राम की है और उन्हें विश्वास है कि अगले एक वर्ष के पश्चात् वहाँ पर श्री राम का भव्य मन्दिर बनना शुरू हो जाएगा.
कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी ने कहा कि उन्होंने भी अपना कुछ समय पत्रकारिता को दिया है और लगभग एक वर्ष तक उन्होंने मेरठ से निकलने वाले राष्ट्रदेव समाचार पत्र का सम्पादन कार्य किया. उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी हैं कि यहाँ पर अक्सर आपदाएं आती रहती हैं. ऐसी परिस्थितियों में पत्रकारों का दायित्व है कि वह सत्यता पर आधारित समाचारों को ही प्रमुखता से दिखाएं न कि पूर्व के वर्षों में हुए घटना क्रम को प्रसारित करने पर ध्यान केन्द्रित करें.
कार्यक्रम के दौरान विश्व संवाद केन्द्र द्वारा प्रकाशित हिमालय हुंकार पत्रिका के नारद जयन्ती विशेषांक व विश्व संवाद केन्द्र के निदेशक विजय कुमार द्वारा लिखित पुस्तक ”भारत जिनके मन बसा“ (देश प्रेमी लेखक व पत्रकारों की जीवन गाथा पर आधारित) का विमोचन मंचासीन अतिथियों के कर कमलों द्वारा किया गया. कार्यक्रम में पत्रकारों को सम्मानित किया गया. जिनमें निशीथ सकलानी, राजकिशोर तिवारी, राजेश बडथ्वाल, निही शर्मा, आफताब अजमत, प्रशान्त राय, चन्द्रप्रकाश बुडाकोटी, कुलदीप नेगी शामिल थे. कार्यक्रम का संचालन विश्व संवाद केन्द्र के निदेशक विजय कुमार एवं हिमांशु अग्रवाल ने किया.