मेरठ. पंचवटी एन्क्लेव शताब्दी नगर में अखिल भारतीय साहित्य परिषद् मेरठ द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एक विचार गोष्ठी व काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का प्रारम्भ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप जलाकर किया गया. श्रीमती सुलक्षणा अंजुम ने सरस्वती वंदना की. कार्यक्रम के प्रथम चरण में परिषद् के महामंत्री शीलवर्धन गुप्त ने कहा कि भारतीय समाज में आदिकाल से महिलाओं को बराबरी का दर्जा व पूर्ण सम्मान दिया जाता रहा है, जिसके परिणामस्वरूप देश में सीता, सावित्री, गार्गी, अहिल्याबाई, झाँसी की रानी जैसी महिलायें हुई. माता जीजाबाई ने शिवाजी जैसे सपूत को जन्म दिया. जिन्होंने ने हिन्दू राष्ट्र के स्वप्न को साकार किया. जीजाबाई के संस्कारों के कारण ही शिवाजी हर दूसरी स्त्री में अपनी माता की तस्वीर देखते थे, आज भी माताओं से संतानो को ऐसे ही संस्कारों की जरुरत है.
कार्यक्रम के दूसरे चरण में काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ. जिसमें कवियों ने होली, मातृ शक्ति, छत्रपति शिवाजी, सहित सामाजिक विषयों पर अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया. कवि ओमदत्त शर्मा ने पाक पर कटाक्ष करते कहा कि ‘क्यों समझते नहीं प्यार से बात वो, सिर्फ नफरत से जलते हैं दिन-रात वो’ अतिवीर जैन ‘पराग’ ने नागालैंड कांड पर चेताया ‘बलात्कारियों को महिमा मंडित करोगे अगर उन्हें फिल्माओगे, तो नागालैंड जैसे हालात पूरे देश में पाओगे.’
चटपट चर्तुवेदी, सुलक्षणा अंजुम, प्रशान्त दीक्षित ‘प्रशान्त’, मोहित कुमार शर्मा, नेहा सिन्हा ने भी काव्य पाठ किया. कार्यक्रम का संचालन अतिवीर जैन ‘पराग’ व काव्य गोष्ठी का संचालन वंशीधर चर्तुवेदी ने किया. अन्त में साहित्य परिषद् महासचिव शीलवर्धन गुप्त व कार्याध्यक्ष देवेन्द्र गोयल ने सभी का धन्यवाद किया.