लखनऊ (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अवध प्रांत के प्रांत प्रचारक संजय जी ने कहा कि आज देश हर्ष मना रहा है और हम सब इस देश के रणबाँकुरे हैं. हम सब इस देश की जवानी हैं. देश का निर्माण करने वाले हैं. हम जो यहाँ बैठे हैं, हम भी वही काम कर रहे हैं, कोई देश की सीमा पर और कोई देश के अंदर. अंदर की जिम्मेदारी आज हमारी है क्योंकि हम संघ के स्वयंसेवक हैं. स्वयंसेवक की विशेषता क्या है ? स्वयं की प्रेरणा से देश व समाज का काम करने वाला. हम सब यहां शिविर में केवल किसी के कहने से नहीं आए हैं, बल्कि हमारे मन में अन्दर से आया – यह राष्ट्र मेरा है, यह मातृभूमि मेरी है और इस मातृभूमि के लिए हमें काम करना है, का यह भाव हमारे मन में आया है, इसके नाते हम काम करने के लिए यहां शिविर में आए हैं. स्वयंसेवक सामान्य शब्द नहीं है बहुत बड़ा शब्द है. स्वयंसेवक किसी योगी से कम नहीं है. स्वयंसेवक को देश में उभर रहे संकटों से मुकाबला करना है. किसान को गाँव छोड़ना पड़ रहा है, आज युवक को गांव छोड़ना पड़ रहा है. इसलिए हम गाँव को कैसे आदर्श गाँव बना सकें, इसके लिए हमें काम करना है. हमारे सामने गौ माता की दुर्दशा हो रही है, किसान और गाय एक-दूसरे के सामने खड़े हो गए हैं, आज भोग का वातावरण चारों और फैल रहा है, स्वार्थ ही स्वार्थ चारों और दिख रहा है. ऐसी सब परिस्थितियों से स्वयंसेवकों को मुकाबला करना है, जिसमें स्वयंसेवक को अपना आदर्श प्रस्तुत करके समाज परिवर्तन करने के लिए सम्पूर्ण समाज को प्रेरित करना है.
संजय जी सीतापुर में आयोजित ‘शाखा टोली शिविर’ के उद्घाटन सत्र में सीतापुर, बीसवां, लखीमपुर, गोला, हरदोई, संडीला जिले के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. शिविर में संघ के सरकार्यवाह सुरेश भय्याजी जोशी भी 1-2 अक्टूबर को भाग लेने वाले हैं. उद्घाटन सत्र में मंच पर प्रान्त संघचालक प्रभु नारायण श्रीवास्तव जी उपस्थित रहे. शिविर में उत्तर प्रदेश के तीन जिलों (सीतापुर, लखीमपुर, हरदोई, जिसे संघ ने अपनी रचना में छह जिलों में विभक्त किया है) के लगभग तीन हजार कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं.