करंट टॉपिक्स

हिन्दुत्व राष्ट्र को एकीकृत करने की शक्ति है – भय्याजी जोशी

Spread the love

तेलंगाना प्रान्त कार्यकर्ता शिविर समारोप कार्यक्रम

हैदराबाद (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भय्या जी जोशी ने कहा कि हिन्दू विचार संघ कार्य का आधार है. हिन्दू मूल्य और जीवन दर्शन (हिन्दुत्व), ये किसी का विरोधी नहीं है, अपितु ये समन्वयक शक्ति है. सरकार्यवाह जी करीमनगर में 04-05 नवम्बर 2017 को आयोजित तेलंगाना प्रान्त कार्यकर्ता शिविर के समारोप कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे. शिविर में  प्रान्त के सभी जिलों से 1657 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. मंच पर सरकार्यवाह जी के साथ दक्षिण-मध्य क्षेत्र के संघचालक नागराज जी, तेलंगाना प्रान्त संघचालक प्याटा वेंकटेश्वर राव जी एवं करीमनगर जिला संघचालक डॉ. रमणाचार्य जी उपस्थित रहे.

उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व राष्ट्र को एकीकृत करने की शक्ति है. यह सभी विचारों के लोगों को संगठित करने वाली और सर्वसमावेशक हैं. हिन्दुत्व, मंदिर में जाने वालों और न जाने वालों के बीच कोई भेद नहीं रखता, इसी प्रकार कर्मकाण्ड पर विश्वास करने वालों और न करने वालों को भी एक दृष्टि से देखता है. इस भाव का दर्शन हम कश्मीर से कन्याकुमारी तक कर सकते हैं. जब हम ‘हिन्दू’ इस शब्द का प्रयोग करते हैं, तब ये सिन्धु नदी के पार रहने वाले लोगों की महान एवं प्राचीन संस्कृति का द्योतक है. हिन्दू विचार एवं मूल्य शाश्वत हैं. हम सदैव कहते हैं कि सर्वे भवन्तु सुखिनः. हम मानते हैं कि ‘वह एक’ अपने को अनेक रूपों में व्यक्त करता है.

हमारे ऋषि मुनि देश से बाहर गए, किन्तु वे कभी शस्त्र लेकर नहीं गए. वे सदैव विश्व को ज्ञान देने के लिए बाहर गए. उन्होंने सदैव मानव मूल्यों को विश्व के सामने प्रतिपादित किया और कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया, किन्तु भारत लगातार एकान्तिक पंथों सहित अनेक क्षुद्र मन वाली शक्तियों द्वारा आक्रामित होता रहा है. हम सबका ये विश्वास है कि हमारा शरीर ‘पंच महाभूतों’ से निर्मित है. हम प्रकृति का सम्मान व संरक्षण करते हुए उसकी पूजा करते हैं. हम पीपल, आंवला, तुलसी इत्यादि वृक्षों की पूजा करते हैं. विश्व भर में नदियों की पूजा और आरती करने वाले हम अकेले लोग हैं. ये विश्व भर में रहने वाले सभी हिन्दुओं के जीवन मूल्य हैं.

आज हम देखते हैं कि मनुष्य के स्वार्थी स्वभाव के कारण झीलें प्रदूषित हो रही हैं और वनों को बड़ी संख्या में काटा जा रहा है. किसी भी भूमि की 30 प्रतिशत भूमि वनाच्छादित होनी चाहिए, जबकि हमारे पास 11 प्रतिशत भूमि वनाच्छादित है. कुछ राज्य सरकारों के साथ मिलकर स्वयंसेवक अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं. मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सरकारों के आह्वान पर एक दिन में 8 करोड़ पौधों के वृक्षारोपण में लोगों ने प्रतिभाग लिया. पूज्य जग्गी वासुदेव जी ‘नदियों को बचाओ’ नाम से अभियान चला रहे हैं और जगह-जगह पर स्वयंसेवक सहयोग कर रहे हैं. हमें सिर्फ अपने पूर्वजों के मूल्यों से प्रेम ही नहीं करना चाहिए, बल्कि उसकाअनुपालन भी करना चाहिए. स्वामी विवेकानन्द जी ने इस भूमि को ‘पुण्यभूमि’, ‘मोक्षभूमि’ कहा है. कुछ लोग सेना के बारे में अवांछित बातें करते हैं. ऐसे लोगों का खंडन होना चाहिए. हमारे जवान हमारी सीमा की रक्षा करते हैं. हम कम से कम अपनी सेना का सम्मान तो कर सकते हैं. पिछले कुछ महीनों में सेना ने 100 से अधिक घुसपैठियों को जम्मू-कश्मीर में  समाप्त किया है. अगर वे घुसपैठ में सफल हो जाते तो उनके कुकृत्यों की हम कल्पना कर सकते हैं. देश के सीमावर्ती ग्रामों के लोग भी सतर्क हैं. मेरा केन्द्र व राज्य की सरकारों से आग्रह है कि इन सीमावर्ती ग्रामों की मूलभूत सुविधाओं का ध्यान हमें रखना चाहिए.

पिछले कुछ महीनों में म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमान देश में घुसकर जम्मू-कश्मीर और हैदराबाद तक पहुंच गए. इन रोहिंग्या मुसलमानों पर म्यांमार के हिन्दुओं और बौद्धों की हत्या का आरोप है. कुछ लोग कहते हैं कि हमें मानवीय आधार पर इनको शरण देना चाहिये, किन्तु हमें अवश्य स्मरण रखना चाहिए कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है. कोई भी देश बाहर के लोगों को अपने यहाँ निर्धारित समय सीमा से अधिक नहीं रहने देता, किन्तु हमारे यहाँ पहले से ही बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या थी और अब म्यांमार के लोग अवैध रूप से आ रहे हैं. सूचनाओं से ऐसा लगता है कि रोहिंग्या न केवल शरणार्थी के रूप में आ रहे हैं, किन्तु उनके इरादे भी नेक नहीं हैं.

केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडू में हिन्दू विचार को लेकर कार्य करने वाले लोग हिंसा का शिकार हो रहे हैं. पिछले 2 वर्षों में केरल में लगभग 25 संघ कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है. लोकतंत्र में अलग-अलग विचार लेकर काम करने का स्वातंत्र्य होना चाहिए, किन्तु ऐसा लगता है कि साम्यवादियों द्वारा उनसे अलग विचार रखने वालों को समाप्त किया जा रहा है. आज जो केरल की समस्या है, कल वह तेलंगाना की समस्या भी हो सकती है. पश्चिम बंगाल की सरकार हिन्दू मंदिरों पर हो रहे आक्रमण पर चुप है. प्रशासनिक केन्द्रों और पुलिस स्टेशनों पर लूटपाट और तोड़फोड़ की घटनाएं हो रही हैं. ये घटनाएं हिन्दू समाज के लिये गम्भीर रूप से चिन्ताजनक हैं. हमें हिन्दू समाज की समस्याओं के निराकरण के लिये अपने अन्दर भी झांकना होगा. हिन्दू अद्वैष्टा सर्वभूतानां’ और ‘ईशावास्यमिदं सर्वम’ पर विश्वास करता है, तो सिर्फ किसी जाति विशेष में पैदा होने के कारण हम किसी को अस्पृश्य कैसे कह सकते हैं? हम को इन भेदों को मिटाने के लिये आवश्यक रूप से कार्य करना चाहिए. कुछ लोग हैं जो विभिन्न जातियों के बीच अन्तर बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं. कुछ राजनीतिज्ञ भी ऐसा कर रहे हैं. हमें ऐसी शक्तियों को चिन्हित करके उनको निष्प्रभावी करने का कार्य करना चाहिए. संघ एक सशक्त हिन्दू समाज और उससे एक सशक्त भारत के निर्माण के लिए कार्य करता आ रहा है. आज के इस कार्यक्रम को इतनी बड़ी संख्या में देखने आए सभी लोगों को मैं आमंत्रित करता हूं कि वे आएं और इस ईश्वरीय कार्य में अपना योगदान दें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *