नई दिल्ली. विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन जी ने कहा कि हिन्दू संस्कृति देश का प्राण हैं. युवाओं में सांस्कृतिक चेतना और विभाजनकारी मानसिकता पर अंकुश ही देश को प्रगति के पथ पर ले जा सकता है. वह बजरंग दल दिल्ली के सप्ताह भर चले शौर्य प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जेएनयू प्रकरण के बाद भारत माता की जय का विरोध और उस पर इस्लाम का फतवा भारत में पनप रही विघटन कारी मानसिकता का द्योतक है. भारत हिन्दू राष्ट्र है, जो राष्ट्र की अवधारणा को नहीं मानते व इसकी संस्कृति में विश्वास नहीं करते, इसे अपनी मातृ भूमि, पुण्य भूमि और कर्म भूमि नहीं मानते, वे भारत के प्रति वफ़ादार कैसे हो सकते हैं? वर्ष 1947 में इसी मानसिकता ने मां भारती के हाथ काटे. बजरंग दल जैसे राष्ट्रवादी संगठन विभाजन कारियों के नापाक इरादों को पूरा नहीं होने देंगे.
बजरंग दल के प्रांत संयोजक शिव कुमार जी के निर्देशन में सम्पन्न हुए शिविर में सौ से अधिक युवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त कर देश और धर्म की रक्षार्थ शपथ ली. कार्यकर्ताओं ने आतंकियों के विरुद्ध लड़ाई का न सिर्फ संकल्प लिया, बल्कि ऐसे हमलों से निपटने का प्रशिक्षण प्राप्त कर उसका प्रदर्शन भी किया.
शिविर के बारे में विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल जी ने बताया कि पूर्वी दिल्ली के मंडोली, सेवा धाम स्थित गीता बाल भारती विद्यालय में 12 जून से प्रारम्भ हुए बजरंग दल शौर्य प्रशिक्षण शिविर में विहिप व बजरंग दल की स्थापना व उद्देश्य, भारत के वर्तमान संकट व उनके समाधान, पाश्चात्य संस्कृति के दुष्परिणाम, सेवा कार्य क्यों और कैसे, आपदा प्रबन्धन, धर्म और कानून, गौ रक्षा-राष्ट्र रक्षा जैसे अनेक विषयों पर शिविरार्थियों को विशेषज्ञों का मार्गदर्शन मिला. शिविर के समापन समारोह में बजरंगियों ने जहां योग, ध्यान, प्राणायाम, जूडो-कराटे, मार्शल आर्ट, मुक्केबाजी, दण्ड, बाधापार, निशानेबाजी का प्रदर्शन किया, वहीं राष्ट्र पर आने वाली हर चुनौती का सामना करने हेतु आपदा प्रबंधन व आतंकवाद से लड़ने के कौशल का प्रदर्शन भी किया.
वरिष्ठ समाजसेवी महेश सिंघल जी की अध्यक्षता में संपन्न समापन कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता उमेश शर्मा मुख्य अतिथि तथा राघवेंद्र सिंह कुशवाहा विशिष्ट अतिथि थे. विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री करुणा प्रकाश, दिल्ली के संगठन मंत्री डॉ. अनिल कुमार, मंत्री रामपाल सिंह सहित अनेक गणमाण्य लोग, स्थानीय निवासी, बच्चे व महिलाएं समापन समारोह में उपस्थित थे.