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होली समरसता का पर्व – युद्धवीर जी

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DSC_0066देहरादून (विसंकें). विश्व संवाद केन्द्र तथा विद्योत्तमा विचार मंच की ओर से होली मिलन कार्यक्रम का अयोजन बुधवार को नारायण मुनि सरस्वती शिशु मंदिर में किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संयुक्त क्षेत्र (उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड) के प्रचार प्रमुख कृपाशंकर जी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया.

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तराखण्ड प्रान्त के प्रान्त प्रचारक युद्धवीर जी ने कहा कि होली समरसता का पर्व है. सभी गिले शिकवे भुला कर प्रेम एवं भाईचारे की मशाल जलाकर समरसता के लिए कार्य किया जाए. भाईचारे एवं समाज को एक माला रूपी धागे में पिरोकर समाज का नव निर्माण करें. इस दौरान उन्होंने 23 मार्च 1931 को शहीद हुए, राजगुरू, सुखदेव तथा भगत सिंह को याद करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए.

कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार राम प्रताप साकेती ने कविता के माध्यम से लोगों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया. विद्योत्तमा विचार मंच की अध्यक्षा डॉ. रश्मि रावत त्यागी ने कहा कि होली हर्ष का पर्व है, ऐसा पर्व है जिसमें कोई छोटा-बड़ा नहीं, ऊंच-नीच नहीं. रंग लगाने के बाद सारे चेहरे एक जैसे दिखते हैं. यह पर्व समरसता का पर्व है, जिसमें सभी जाति और पंथ के लोग बराबर हैं.

DSC_0139कार्यक्रम में अध्यात्म ग्रुप की टीम की ओर से होली गीत की प्रस्तुति विशेष आकर्षण का केन्द्र रही. युवा गायिका मधुकर भण्डारी एवं अजय भट्ट के गीतों की लोगों ने सराहना की. इस अवसर पर योगेश अग्रवाल, अनिता सक्सेना, विद्योत्तमा विचार मंच की सचिव रीता गोयल, मंजू कटारिया, कमल धारिया, रविन्द्र कटारिया आदि ने अपने विचार, देशभक्ति गीत एवं होली गीत प्रस्तुत किया. एक दूसरे पर फूल फैंक कर तथा तिलक लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं.

कार्यक्रम में विश्व संवाद केन्द्र सचिव राजकुमार टांक, प्रबंधक सुखराम जोशी, प्रान्त कार्यवाह लक्ष्मीप्रसाद जायसवाल, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख जगदीश जी, नीरज मित्तल, सुरेन्द्र मित्तल आदि प्रमुख लोगों ने भाग लिया.

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