नई दिल्ली. भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ के तहत अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को वहां से निकाला जा रहा है. ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ के तहत 110 हिन्दू, सिक्खों का समूह को भारत लाया गया है. प्रतिनिधिमंडल पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप भी लेकर आया है. इन लोगों को विशेष विमान के माध्यम से काबुल से यहां लाया गया है.
यह समूह गुरु ग्रंथ साहिब के साथ ही काबुल में स्थित प्राचीन आसामाई मंदिर से रामायण, महाभारत और गीता सहित अन्य पवित्र ग्रंथ भी लाया है. मंदिर पांचवीं शताब्दी का माना जाता है. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अगवानी की और गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप को ससम्मान अपने सिर पर रख कर एयरपोर्ट से निकले.
भीषण आर्थिक और सामाजिक संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान में हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं. अमेरिका की ओर से सैन्य वापसी के एलान और तालिबान की वापसी ने स्थितियों को जटिल किया है. विदेशी तो विदेशी अफगान नागरिक भी यहां से निकलना चाहते हैं.
तीन दिसंबर तक निकाले जा चुके थे 565 लोग
कई भारतीय नागरिक भी अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं. सरकार इन्हें निकालने के लिए ऑपरेशन देवी शक्ति के नाम से अभियान चला रही है. तीन दिसंबर को केंद्र सरकार ने संसद में बताया था कि ऑपरेशन के तहत 438 भारतीयों सहित कुल 565 लोगों को वहां से निकाला जा चुका है.
सरकार ने बताया था कि कुछ ऐसे भारतीय जिन्होंने विदेश मंत्रालय की विशेष अफगानिस्तान सेल से संपर्क किया था और यहां से निकाले जाने की इच्छा जताई थी, वह अभी भी वहां फंसे हुए हैं. हमारी सेल उनके साथ ही अफगान अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के संपर्क में है.
इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने यात्रियों का वापसी संबंधी वीडियो भी साझा किया है. इंडिया वर्ल्ड फोरम ने कहा कि उनके आने के बाद अफगान नागरिकों का सोबती फाउंडेशन द्वारा पुनर्वास किया जाएगा. कहा गया, ‘यह उल्लेख करना उचित है कि गुरुद्वारा गुरु हर राय (शोर बाजार, काबुल) में आतंकवादी हमले के दौरान मारे गए स्थानीय सुरक्षा गार्ड महरम अली के परिवार को भी सुविधा दी जा रही है और एयरलिफ्ट किया जा रहा है और उन्हें सोबती फाउंडेशन द्वारा पुनर्वास किया जाएगा.’ इंडियन वर्ल्ड फोरम के अनुसार अफगान नागिरकों का सोबती फाउंडेशन पुनर्वास करेगा.