करंट टॉपिक्स

कब तक सामने आते रहेंगे प्यारेमियाँ जैसे चरित्र?

“माना की लड़की के रूप में जन्म लेना मेरे बस में नहीं, लेकिन एक इंसान का दर्जा दो, तुम्हारे बस के बाहर भी नहीं” मध्यप्रदेश...

ना ‘राष्ट्रवाद’ शब्द भारतीय है और ना ही उसकी अवधारणा

भारतीय विचार में ‘राष्ट्रवाद’ नहीं ‘राष्ट्रीयता’ का भाव है डॉ. मनमोहन वैद्य भारत और विश्व एक नए भारत का अनुभव कर रहे हैं क्योंकि भारत की...

पुस्तक समीक्षा – लव जिहाद की सच्ची कहानियों का दस्तावेज ‘एक मुखौटा ऐसा भी’

डॉ. वंदना गांधी समाजशास्त्र की शिक्षिका हैं. समाज में चल रही गतिविधियों और उनके पीछे के एजेंडे को वह बहुत बारीक से समझती हैं. जब...

725वीं पुण्यतिथि के अवसर पर स्मरण – कर्म को ही भगवान मानने वाले संत सावता माली 

प्याज मूली की तरकारी. सारी विठाई माता मेरी. कर्म को ही भगवान मानने वाले संत सावता माली  क्या बताऊं अब संतों के उपकार. मुझे निरंतर...