पश्चिम बंगाल. पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिला में 29 जनवरी की सुबह हिंदू परिवारों के लिये मुसीबत बनकर आई. क्षेत्र के उस्ती बाजार में दंगाईयों की भीड़ ने हिंदुओं की 50 से अधिक दुकानों को लूटने के साथ ही जला दिया. इन दुकानों से करीब एक करोड़ रुपये की नकदी और संपत्ति को दंगाइयों द्वारा लूटा गया.
क्षेत्र में स्थिति उस समय और भी खराब हो गई जब स्थानीय विधायक एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मौके पर पहुंचे तथा एसडीपीओ को अपशब्द कहने के साथ ही अपमानित किया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मंत्री ने पुलिस को दंगाइयों को छोड़ने के लिये दबाव बनाया, जिन्हें कानून व्यवस्था संभालने के लिये तैनात बल ने मौके पर गिरफ्तार किया था, मंत्री महोदय आरोपियों को अपना आदमी बता रहे थे.
दंगाइयों की अनियंत्रित भीड़ कृष्णा मंडल की दुकान से एक दर्जन से अधिक एलसीडी टीवी उठा ले गई, नवीन पाल की दुकान से 40 लाख रुपये की कीमत के कपड़े और नकदी पर इन लोगों ने हाथ साफ किया. इसके अलावा परिमल पाल, शाहदेब घोष, आशीष मंडल, की साइकिल, मिठाई की दुकानों सहित अन्य दुकानें लूटी और नष्ट की गईं. दंगाइयों ने दुकानों के शटर गैस कटर की सहायता से काटे थे, पुलिस बल ने इन्हें रोकने के लिये कुछ राउंड गोलियां हवा में चलाकर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया. दंगाइयों की भीड़ का नेतृत्व करने वालों की पहचान भी कर ली गई है, जिनके नाम प्रभावितों ने पुलिस को दिये हैं. प्रशासन हिंसा और लूट की घटना को लगातार दबाने की कोशिश कर रहा है, तो दूसरी ओर मीडिया ने भी निंदनीय घटना को लेकर अनदेखी का रवैया अपनाया, और घटना को प्रमुखता नहीं दी.
क्षेत्र से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार अभी तक दोनों समुदायों से संबंधित 15 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. यह भी जानकारी मिली है कि पुलिस ने प्रभावित हिंदुओं (जिनकी दुकानें लूटी गई थीं) को भी हिरासत में रखा, जबकि अनेक आरोपी निडर होकर खुलेआम घूम रहे थे. एक रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण 24 परगना क्षेत्र जिहादियों के निशाने पर रहा है, और हिंदू परिवार हिंसा का शिकार होते रहे हैं, जिहादियों का का मकसद क्षेत्र से हिंदू परिवारों को खदेड़ना है. पश्चिम बंगाल में हिंदुओं के खिलाफ चल रहे अभियान वाले क्षेत्रों की सूची में उस्ती का नाम भी शामिल हो गया है. कश्मीर घाटी की तरह ही सुनियोजित षड्यंत्र के तहत अभियान को अंजाम दिया जा रहा है.