आज सुबह से अस्थायी मंदिर में स्थापना के लिए विधिवत पूजा अर्चना प्रारंभ
अयोध्या. अयोध्या में रामलला के जन्मस्थान पर भव्य मंदिर निर्माण के कार्य का प्रथम चरण शुरू हो गया है. 23 मार्च 2020 को प्रात: सात बजे श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के पहले चरण का कार्य प्रारंभ हो गया है. अर्थात् भगवान राम जहां जन्मभूमि के गर्भगृह पर विराजमान हैं, वहां से उनको नए स्थान पर विराजित करने के लिए अस्थायी मंदिर तैयार किया गया है. तभी अयोध्या में भगवान राम के जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण कर पाना संभव है.
भगवान राम को विराजमान करने के लिए नया आसन बन गया है. इस हेतु से आज पूर्ण विधि-विधान के साथ पूजा-पाठ प्रारंभ हुआ है. विहिप के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं रामजन्मभूमि क्षेत्र तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि पूजा-पाठ में राज्य सदन अयोध्या के विमलेंद्र मोहन मिश्र और डॉ. अनिल मिश्रा जी यजमान हैं. इसके साथ पूजा-पाठ की देख-रेख व संरक्षण का कार्य विश्व हिन्दू परिषद के दो पदाधिकारी कोटेश्वर शर्मा और अशोक तिवारी जी कर रहे हैं. पूजा-पाठ का नेतृत्व दिल्ली से पधारे वैदिक पंडित कीर्तिकांत शर्मा जी कर रहे हैं. दिल्ली, मथुरा, प्रयाग, काशी और अयोध्या के वैदिक पंडित पूजा-पाठ को संपन्न करवा रहे हैं. अयोध्या के जिलाधिकारी अनूप झा और स्थानीय विधायक वेदप्रकाश गुप्ता भी सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि यह पूजा-पाठ आज पूरे दिन व कल मंगलवार को पूरे दिन चलेगा. पूजा की पूर्णाहुति के पश्चात 25 मार्च को ब्रह्ममुहुर्त में भगवान राम नए आसन पर विराजमान होंगे.
उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी की परिस्थिति के कारण मीडिया, अन्य संत महापुरुषों को और आम जनता को व्यवहार की दृष्टि से उचित न लगने पर आमंत्रित नहीं किया गया है. महामारी संकट से किसी भी व्यक्ति को नुकसान हो सकता था, इसलिए भी सुरक्षा के चलते किसी को आमंत्रित नहीं किया गया है. केवल प्रेस वक्तव्य जारी करके सभी लोगों को अवगत कराया गया है.
अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने से पहले अस्थायी बुलेटप्रूफ मंदिर तैयार किया गया है. रामलला को नये मंदिर में विराजमान किया जाएगा. रामलला अब तक जाड़ा, गर्मी या बरसात सभी मौसम में टेंट में विराजमान थे. लेकिन अब रामलला के लिए बनाया गया मंदिर बेहतरीन और सुविधायुक्त है. भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में जब तक भव्य मंदिर बनकर तैयार नहीं हो जाएगा, तब तक रामलला इसी अस्थायी मंदिर में विराजमान रहेंगे.
भारती सिंह