जम्मू कश्मीर. कोरोना के खिलाफ जंग में समाज के साथ सेना के जवान भी सक्रिय हैं, वहीं सेवानिवृत्त सैनिक भी कोरोना योद्धा के रूप में डटे हैं. दूसरी लहर के दौरान संकट को देखते हुए जम्मू कश्मीर के सैन्य अस्पतालों में बुनियादी ढांचा मजबूत बनाने के लिए सेवानिवृत सैन्य डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी स्वेच्छा से प्रशासन की मदद कर रहे हैं. वर्तमान में 2500 पूर्व सैनिक कोरोना की रोकथाम में सहायता के लिए आगे आए हैं.
इनमें से 171 पूर्व सैनिक जिला प्रशासन के साथ मिलकर कोरोना की रोकथाम के लिए काम कर रहे हैं. सैनिक वेल्फेयर विभाग ने इस मुहिम को तेजी देने के लिए जिला, तहसील व गांव स्तर तक अपने नोडल अधिकारी बनाए हैं. उनकी डयूटी लोगों को जागरूक बनाकर कोरोना के खिलाफ अभियान को गति प्रदान करना है. ये पूर्व सैनिक लोगों की भी मदद कर रहे हैं.
जम्मू कश्मीर में कोरोना से उपजे हालात में प्रशासन के आग्रह पर पूर्व सामने सैनिक आए. जम्मू कश्मीर सैनिक कल्याण बोर्ड ने इन पूर्व सैनिकों की सूची प्रशासन को सौंपी थी. आवश्यकता के अनुसार उनकी सेवाएं ली जा रही हैं. वहीं आर्मी मेडिकल कोर ने कोरोना वायरस से उपजे हालात का सामना करने के लिए सैन्य अस्पतालों से दो वर्षों के अंदर सेवानिवृत्त हुए अपने कर्मियों को जरूरत के अनुसार सहायता के लिए बुलाया है. कोरोना वायरस से उपजे चुनौतीपूर्ण हालात में जम्मू कश्मीर में कई पूर्व सैनिक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की सुरक्षा की ड्यूटी भी संभाल रहे हैं.
जम्मू के पीआरओ डिफेंस लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद का कहना है कि सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी हर समय देश सेवा के लिए तत्पर रहते हैं. सेना अपने सेवानिवृत्त सैनिकों को बहुत अहमियत देती है. विशेष रूप से प्रशिक्षित ये लोग किसी भी हालात में काम करने की योग्यता रखते हैं. वर्तमान संकट में भी मदद करने के लिए मैदान में हैं.