जम्मू कश्मीर। भारतीय सेना और रिलायंस जियो ने मिलकर दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन ग्लेसियर में 5G नेटवर्क का शुभारंभ किया है। यह भारतीय सेना के जवानों को उच्च स्पीड इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने के साथ-साथ देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाने के लिए डिजिटल रूप से सशक्त बनाएगी। फायर एंड फ्यूरी कोर के सहयोग से रिलायंस जियो कंपनी ने प्लग-एंड-प्ले प्री-कान्फिगर्ड उपकरणों का उपयोग कर टावर को खड़ा किया है। रिलायंस जियो, क्षेत्र में कनेक्टिविटी प्रदान करने वाला पहला टेलीकॉम ऑपरेटर है।
सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र
सियाचिन ग्लेसियर, जो 20,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्रों में से एक है। यहां भारतीय सेना के जवान अत्यधिक कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए देश की सुरक्षा में तैनात रहते हैं। क्षेत्र की भौगोलिक चुनौतियाँ, बर्फीले तूफान, और अत्यधिक ठंड के बावजूद, भारतीय सैनिकों की चौकसी और वीरता ने दुनिया के सबसे संवेदनशील सैन्य क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण स्थान बना दिया है।
यहां के दूर-दराज क्षेत्रों में संचार और नेटवर्क कनेक्टिविटी की हमेशा से कमी रही है, जिससे सैनिकों को वास्तविक समय में महत्वपूर्ण सूचनाओं और आदेशों को प्राप्त करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब, रिलायंस जियो और भारतीय सेना की संयुक्त पहल ने समस्याओं का समाधान निकाला है, जिससे जवानों की कार्य क्षमता और सुरक्षा में सुधार होगा।
रिलायंस जियो द्वारा लद्दाख क्षेत्र के सियाचिन ग्लेसियर में 5G नेटवर्क की शुरुआत भारतीय सेना के जवानों को अब उच्च स्पीड इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराएगी, जिससे उनका कार्य और संचार पहले से अधिक प्रभावी और सुरक्षित होगा। 5G नेटवर्क युद्ध क्षेत्र में सैनिकों के बीच समन्वय और महत्वपूर्ण जानकारियों की अदला-बदली को सरल बनाएगा।
यह भारतीय सेना को उनके अभियानों, उपकरणों की निगरानी, और सामरिक सुरक्षा में अधिक सक्षम बनाएगी। और उच्च जोखिम वाले वातावरण में उनकी समग्र कार्यक्षमता को बढ़ाएगा।
अब यह संभावना है कि भारतीय सेना के अन्य युद्ध क्षेत्रों में भी इसी तरह की डिजिटल तकनीक का विस्तार किया जाएगा। सियाचिन ग्लेसियर में 5G नेटवर्क की सफलता के बाद, भारतीय सेना और रिलायंस जियो के बीच सहयोग में कई तकनीकी सुधारों की योजना बनाई जा सकती है, जो देश की सुरक्षा और सैनिकों की बेहतरी के लिए फायदेमंद साबित होंगी।