जम्मू. आतंक परस्त पाकिस्तान जम्मू कश्मीर की शान्ति व्यवस्था को भंग करने के प्रयास में जुटा हुआ है. अब विशेषकर जम्मू संभाग में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहा है. हालांकि, सुरक्षा बल पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को विफल कर रहे हैं. आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का अभियान निरंतर जारी है. और आतंकियों का चुन-चुन कर खात्मा किया जा रहा है. यही कारण है कि कई आतंकी सुरक्षाबलों की कार्रवाई के डर से सीमापार कर पाकिस्तान भाग चुके हैं और पाकिस्तान में ही बैठकर अपने सहयोगियों द्वारा जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं को अंजाम देने के प्रयास में जुटे हैं. और अलग-अलग माध्यमों से हथियार भी मुहैया कराने में लगे हैं.
जान बचाकर भागकर पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के खिलाफ शिकंजा और कसा जा रहा है. इसी क्रम में बारामूला के 8 आतंकियों को न्यायालय ने भगोड़ा घोषित किया है. पुलिस के अनुसार, जिन 8 आतंकियों को पुलिस के आग्रह पर भगोड़ा घोषित किया गया है, वह सभी उड़ी सेक्टर में LOC के साथ सटे गांवों के रहने वाले हैं. यह सभी बीते 28 वर्ष से पाकिस्तान और पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में रहते हैं. उससे पहले यह कश्मीर में ही सक्रिय थे और सुरक्षाबलों का दबाव बढ़ने पर अपनी जान बचाने के लिए LOC पार भाग गए थे.
भगोड़ा करार दिए आतंकियों में उड़ी के कंडी बरजाला के रहने वाले मोहम्मद आजाद और नसीर अहमद, जबला उड़ी का करीम दीन, बड़ा गोहालन का मोहम्मद हफीज मीर, मीर अहमद और शौकत अहमद पोसवाल, दर्दकूट उड़ी का बशीर अहमद आवान और सौहारा का रहने वाला हद बट शामिल हैं.
इन सभी आतंकियों के घरों और गांव में उन्हें भगोड़ा करार देने संबंधी अदालत के नोटिस को भी चिपकाया गया है. सभी को एक माह में आत्मसमर्पण करने का समय दिया गया है, अन्यथा इन सभी की संपत्ति कुर्क कर ली जाएगी. गौरतलब है कि इससे पहले भी 10 से अधिक आतंकियों की सम्पतियों को जब्त किया जा चुका है.