नई दिल्ली. देश भर में नागरिकता संशोधन अधिनियम के नाम पर हिंसक विरोध का दौर चल रहा था. लेकिन अब अधिनियम के समर्थन में भी नागरिक सामने आने लगे हैं. नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act – CAA) के समर्थन में रैली के समाचार मिल रहे हैं. अधिनियम के समर्थन में देश के विभिन्न हिस्सों में सामाजिक व धार्मिक संगठनों ने समर्थन रैली निकाली. नागपुर, बैंगलुरु, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, पुणे, मुंबई, चैन्नई, उदयपुर, हरिद्वार, रांची सहित अन्य स्थानों पर रैलियां हुई हैं. केरल में जर्नलिस्ट एक ग्रुप ने भी विधेयक का समर्थन किया. दिल्ली व अन्य स्थानों पर अधिवक्ताओं ने भी अधिनियम का समर्थन किया. इसके अलावा देश के 1100 शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों, रिसर्च स्कॉलर ने पत्र लिख नागरिकता संशोधन अधिनियम का समर्थन किया है.
रविवार को नागपुर में लोक अधिकार मंच के बैनर तले विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठनों ने नागरिकता संशोधऩ अधिनियम के समर्थन में रैली निकाली. रैली में हजारों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया. शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित रैली में दिल्ली वासी तिरंगा झंडा और CAA के समर्थन में पोस्टर और बैनर लेकर सड़कों पर निकले.
दूसरी ओर, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने उस वादे को पूरा किया है जो महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस ने पाकिस्तान में दयनीय जीवन व्यतीत करने वाले लोगों से किया था. अधिनियम की नींव 1985 और 2003 में रखी गई थी. मोदी सरकार ने इसे कानूनी रूप दिया है.
नागरिकता संशोधन अधिनियम में मुसलमान शरणार्थियों को जगह न मिलने के सवाल पर राज्यपाल ने कहा, ”पाकिस्तान को एक मुस्लिम राष्ट्र के रूप में बनाया गया था, तो ऐसे में क्या वे वहां मुसलमानों को सताएंगे? हम मानते हैं कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से मुसलमान आए थे, लेकिन इसलिए नहीं कि उन्हें सताया गया, बल्कि आर्थिक अवसरों की तलाश में आए थे.”