दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले कई दिनों से #CAA के विरोध के नाम पर प्रदर्शन चल रहा है. पर, यह विरोध प्रदर्शन कम साजिश अधिक दिख रहा है. सोची समझी रणनीति के तहत प्रदर्शन में महिलाओं व बच्चों को आगे रखा गया है. नन्हें मुन्हों से लगवाए जा रहे नारे हैरान कर देंगे, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो देख अंदाजा हो जाएगा कि किस प्रकार मासूमों के मन में जहर घोला जा रहा है, उनका उपयोग कर अपना स्वार्थ साधा जा रहा है…….
सीएए के विरोध के नाम पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में नन्हें मुन्हों बच्चों द्वारा की जा रही नारेबाजी सवाल खड़े करती है… कौन है जो इनसे ….जामिया तेरे खून से, जेएनयू तेरे खून से जैसे नारे लगवा रहा है? इन मासूम बच्चों के साथ कौन खेल रहा है? कौन कच्चे घड़ों पर अपने स्वार्थ की इबारत लिख रहा है? नारेबाजी कर रहे मासूम बच्चों को पता भी नहीं कि वे क्या बोल रहे हैं? जामिया तेरे खून से इंकलाब आएगा, ये भाषा मासूमों की नहीं हो सकती…..महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लिए प्रदर्शन पर बैठ रही हैं, और यह सब हो रहा है #CAA के विरोध के नाम पर….जबकि सरकार कई बार स्पष्ट कर चुकी है कि यह कानून भारत के नागिरकों पर न ही लागू होता है, और न ही उनके अधिकारों को प्रभावित करता है. तो फिर यह विरोध प्रदर्शन क्यों, कौन महिलाओं को गुमराह कर रहा है, बच्चों से ऐसे नारे लगवा रहा है, इनकी आड़ लेकर, उन्हें आगे रखकर अपने स्वार्थ सिद्ध करने में लगा है? इन प्रश्नों के उत्तर ढूंढना आवश्यक है.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो षड्यंत्र की चर्चा को पुख्ता करता है, वायरल वीडियो के अनुसार प्रदर्शनकारियों को पैसे दिए जा रहा हैं. तथा शिफ्ट के अनुसार महिलाएं प्रदर्शन में भाग ले रही हैं. वीडियो के अनुसार प्रदर्शन में भाग लेने के लिए 500 से 700 रुपए दिए जा रहे हैं.
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के नाम पर दिल्ली के शाहीन बाग में (15 दिसंबर) एक महीने से महिलाएं बच्चों को लेकर धरने पर बैठ रही हैं. महिलाओं का धरना दिन-रात चल रहा है और सरकार के खिलाफ लगातार नारेबाजी हो रही है.
सीएए के विरोध में चल रहे प्रदर्शन से दिल्ली-नोएडा मार्ग एक महीने से बंद है..मार्ग बंद होने के कारण दिल्ली-नोएडा-फरीदाबाद आने-जाने वाले लाखों लोगों को कई किलोमीटर का चक्कर काटकर आना-जाना पड़ता है.. इस मार्ग के बंद होने से रिंग रोड, मथुरा रोड व डीएनडी पर ट्रैफिक की समस्या बढ़ रही है… आस-पास के क्षेत्रों में स्कूल बसें तक नहीं पहुंच पा रही हैं… साथ ही कालिंदी कुंज मार्ग भी धरना-प्रदर्शन के कारण एक महीने से बंद है.. कालिंदी कुंज मार्ग बंद होने से सरिता विहार और नोएडा से जोड़ने वाला मार्ग भी एक महीने से बंद है. लोगों को रोजमर्रा के कामों के लिए हर दिन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है..
हैरान करने वाला विषय है कि इसी प्रदर्शन के मंच से जिन्ना वाली आजादी के नारे भी लग रहे हैं, लेकिन किसी ने भी प्रदर्शनकारियों से नहीं पूछा कि इस जिन्ना वाली आजादी से उनका मतलब क्या है? क्या सीएए के विरोध के नाम लोगों में भ्रम का निर्माण कर देश को तोड़ने के मंसूबे पाले जा रहे हैं? इस साजिश के पीछे छिपे असली चेहरे कौन हैं…क्या इसकी गहराई से जांच कर सख्त कार्रवाई नहीं होनी चाहिए…? महिलाओं बच्चों की आड़ लेकर देश के टुकड़े करने के सपने पालने वाले षड्यंत्रकारियों का चेहरा बेनकाब होना चाहिए.
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