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आस्ट्रेलिया – द डेली टेलीग्राफ ने कोरोना को चायनीज़ वायरस लिखा तो चीन सरकार भड़की..!!

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समाचार पत्र ने चीन सरकार के सवालों के साथ प्रकाशित किए उत्तर

नई दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया के समाचार पत्र डेली टेलीग्राफ ने विश्व में फैली महामारी (कोविड-19) को चायनीज़ वायरस लिखा तो चीन सरकार को अच्छा नहीं लगा. चीन सरकार ने चायनीज़ वायरस लिखने पर आपत्ति जताई और एक चिट्ठी लिखी. मजेदार यह कि द डेली टेलीग्राफ ने चिट्ठी में उठाए एक-एक सवाल का सिलसिलेवार जवाब देते हुए समाचार पत्र में प्रकाशित कर दिया…….

‘द डेली टेलीग्राफ’ को चीन में ऑस्ट्रेलिया के दूतावास के माध्यम से एक पत्र मिला है, जिसमें वहाँ की सरकार ने कोरोना वायरस संकट पर हमारी कवरेज पर कुछ आपत्तियाँ जताई हैं. चीन के कम्युनिस्ट तानाशाहों के इस पत्र में लिखी बातों का सिलसिलेवार ढंग से हम जवाब दे रहे हैं —

चीन सरकार – डेली टेलीग्राफ में पिछले दिनों कोविड-19 को लेकर चीन के तौर-तरीकों पर जो लेख और रिपोर्ट छापे गए हैं वो पूरी तरह से अज्ञानता, पूर्वाग्रह और अहंकार पर आधारित हैं.

अख़बार का जवाब – अगर चीन में सरकारी अख़बार को ऐसी शिकायती चिट्ठी मिली होती तो अगले ही दिन उसके पत्रकार को जेल में डाला जा चुका होता और हो सकता है कि उसके शरीर के अंगों को प्रत्यारोपण के लिए दे दिया जाता.

चीन सरकार – आपने इसे चीन का वायरस लिखा है, जबकि इसकी शुरुआत की जगह पता लगाना वैज्ञानिकों का काम है. इसके लिए पेशेवर और वैज्ञानिक तरीक़ा होना चाहिए.

अख़बार का जवाब – सही बात है. तो फिर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाग लिजियन ने 12 मार्च को जब बोला था कि हो सकता है कि अमेरिकी सेना इसे वुहान लेकर आई हो तो ऐसा कहने का क्या वैज्ञानिक आधार था?

चीन सरकार – यह वायरस कहां से शुरू हुआ यह अभी साफ़ नहीं है. आपने इसे ‘चाइनीज़ वायरस’ लिखा है, जबकि WHO ने इसका नाम COVID-19 रखा है.

अखबार का जवाब – वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन ने तो एक बार ज़िंबाब्वे के हत्यारे रॉबर्ट मुगाबे को अपना गुडविल एंबेसडर बनाया था. उसी ने 2 मार्च को कहा था कि कोरोना वायरस का कलंक इस वायरस से भी ज़्यादा ख़तरनाक है. WHO ने ऐसे कई मूर्खता वाले काम किए.

चीन सरकार – कोरोना वायरस को बार-बार चीन से जोड़ने और इसे ‘मेड इन चाइना’ बताने के पीछे आपका मक़सद क्या है?

अख़बार का जवाब – क्योंकि हमारा मक़सद सही जानकारी देना है. यही कारण है कि हम इस वायरस को इंग्लैंड के किसी शहर का नहीं बताते या इसे ‘मेड इन पनामा’ नहीं कहते.

चीन सरकार – वुहान के लोगों ने कोविड-19 को क़ाबू करने और इसे फैलने से रोकने में महान बलिदान दिया है.

अख़बार का जवाब – वुहान के डॉक्टर ली वेनलियांग ने ही सबसे पहले लोगों को कोरोना वायरस फैलने की चेतावनी दी थी. उनके बारे में न्यूयॉर्क टाइम्स में जनवरी में ख़बर भी छपी थी. बाद में पता चला कि चीन सरकार ने उनसे इस बयान पर जबरन दस्तख़त करा लिए कि उन्होंने वैसा कुछ नहीं कहा था. और अब उनकी मौत भी हो चुकी है. इसी से पता चलता है कि वुहान के लोगों ने कितना बलिदान दिया होगा.

चीन सरकार – कोई बात नहीं, शायद लोगों का ध्यान अपनी तरफ़ खींचने और इंटरनेट पर हिट्स पाने के लिए आपने वुहान को ‘जॉम्बीलैंड’ कहा है और वहाँ के सीफ़ूड मार्केट को ‘चमगादड़ बाजार’ का नाम दिया है. आप और कितना नीचे जा सकते हैं?

अख़बार का जवाब – दुनिया के सभ्य देशों के लिए “ब्रेडमैन बैटिंग करता है”. लेकिन वुहान में इस नाम से रेस्टोरेन्ट चलता है.

चीन सरकार – चीन सरकार ने जिस प्रभावी तरीक़े से महामारी की रोकथाम की वो कम्युनिस्ट सरकार के ‘पीपुल सेंटर्ड फिलॉस्फी’ का बेहतरीन उदाहरण है.

अख़बार का जवाब – 2018 में एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में जितने लोगों को मृत्युदंड दिया गया, उससे ज़्यादा सजाएं अकेले चीन में दी गईं. कृपया हमें अपनी ‘पीपुल सेंटर्ड फिलॉस्फी’ के बारे में और जानकारी दें और बताएं कि इसमें कुल मिलाकर कितनी गोलियाँ खर्च होती हैं.

चीन सरकार – तथ्यों को स्वीकार करने के बजाय आपके अख़बार ने चीन सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार अभियान चलाया.

अख़बार का जवाब – और हां इसके बावजूद हमें न तो जेल हुई और न ही हमें गोली मारी गई. अभी तक न्याय नहीं हुआ.

चीन सरकार – क्या आपके अख़बार के निर्णय जनता के कल्याण पर आधारित होते हैं या वैचारिक पूर्वाग्रहों पर?

अख़बार का जवाब – हम मानते हैं कि चीन की क्रूर और निरंकुश सरकार के ख़िलाफ़ हमारे वैचारिक पूर्वाग्रह हैं. यह हमारी तरफ़ से बहुत बड़ी गलती है.

चीन सरकार – चीन सरकार ने 3 जनवरी से विश्व स्वास्थ्य संगठन और दुनिया के देशों को महामारी के बारे में पूरे पारदर्शी तरीक़े से जानकारी देनी शुरू कर दी थी.

अख़बार का जवाब – अच्छा, तभी शायद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 14 जनवरी को ट्वीट किया था कि दुनिया को परेशान होने की ज़रूरत नहीं. कोविड-19 मानव से मानव को संक्रमित नहीं करता. क्या आप दुनिया को गुमराह नहीं कर रहे थे?

चीन सरकार – महामारी बहुत तेज़ी से पूरी दुनिया में फैली. चीन तो इससे प्रभावित देशों की मदद करने की हरसंभव कोशिश कर रहा है.

अख़बार का जवाब – तभी स्पेन, टर्की और नीदरलैंड्स को आपने जो मेडिकल किट बेचे थे, उनमें से ज़्यादातर ख़राब निकले और वापस लौटाए जा रहे हैं. बीबीसी पर इसकी रिपोर्ट भी छपी है. एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलियन बॉर्डर फ़ोर्स ने 8 लाख नक़ली मास्क भी ज़ब्त किए हैं. आपकी यथासंभव सहायता के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.

चीन सरकार – वायरस देशों की सीमाओं को नहीं मानता.

अख़बार का जवाब – अच्छा फिर 28 मार्च को आपने चीन की सीमाओं को बंद करने का एलान क्यों किया? जबकि आपने तो कोविड-19 पर जीत हासिल करने का दावा किया था?

चीन सरकार – आपने बार-बार चीन के उपायों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के सकारात्मक अनुमानों पर सवाल खड़े किए हैं. लेकिन आपको पता होगा कि यह दुनिया में जनस्वास्थ्य के बारे में सबसे बड़ा आधिकारिक संगठन है और ऑस्ट्रेलिया सहित 190 देश इसके सदस्य भी हैं.

अख़बार का जवाब – इस संख्या पर नज़र बनाए रखें.

चीन सरकार – विश्व स्वास्थ्य संगठन और हमारी तरफ़ से दी गई औपचारिक सूचनाओं के बजाय आपने ढेर सारे तथाकथित “रणनीतिक विश्लेषकों” के बयान छापे हैं. क्या आपको पता है कि जिन लोगों के ये बयान हैं, उनकी संस्थाएँ अमेरिकी सरकार से आर्थिक सहायता लेती रही हैं और बहुत पहले ही उनकी पोल खुल चुकी है?

अख़बार का जवाब – आपके मुताबिक़ विश्व स्वास्थ्य संगठन बहुत अच्छा है, उसे भी अमेरिकी सरकार ने पिछले साल लगभग 900 मिलियन डॉलर दिए? आपका उस बारे में क्या कहना है.

चीन सरकार – चीन में महामारी के बारे में आपकी ख़बरें बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गईं. इनमें बहुत कुछ अफ़वाहें और राजनीतिक बदनीयती देखी जा सकती है.

अख़बार का जवाब – ओह, हम कितने शैतान हैं. कृपया डॉक्टर ली वेनलियांग का जबरन लिया गया वो बयान हमें भी भेज दें, जिनमें उन्होंने समय पर दी गई अपनी ही चेतावनी को अफ़वाह बता दिया था, ताकि हम भी उस पर हस्ताक्षर कर सकें.

( साभार : डेली टेलीग्राफ, ऑस्ट्रेलिया )

https://www.dailytelegraph.com.au/blogs/tim-blair/via-local-commie-underlings-beijing-officially-disapproves/news-story/491b415795fbbdc526d33d5b569134a4

पाञ्चजन्य

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